मेडिकल कॉलेज के टीबी एंड चेस्ट हॉस्पिटल के एचओडी डॉ. सुधीर चौधरी ने बताया कि लोगों को चाहिए कि वो स्मोकिंग छोड़ दें. साथ ही दूसरों को भी छोड़ने का प्रेशर डालें. कुछ लोग ऑफिस या पब्लिक प्लेस पर स्मोकिंग करने वालों के आस पास होते है जो उससे ज्यादा इफेक्टेड होते है. उन्हें चाहिए कि वो स्मोकिंग करने वाले को तुरंत टोके क्योंकि उस जगह से हटने पर भी कोई फायदा नहीं होता. स्मोकिंग का धुआं एयर में घुल चुका होता है और वापस आने पर फिर से हार्मफुल हो सकता है. स्मोकिंग की आदत इंसान को धीरे-धीरे मौत के करीब ले जाती है. व्यक्ति को पता भी नहीं होता कि हर एक सिगरेट का कश उसकी लाइफ से पांच मिनट छीन रहा है. स्मोकिंग का सबसे पहले असर लंग्स पर पड़ता है. इससे लंग्स के रेशे खराब होने लगते हैं. रेशे खराब होने पर लंग्स को साफ करने की कैपेसिटी भी चली जाती है. इससे खांसी होना और बलगम बनना जैसे लक्षण होने लगते हैं. यह बलगम लंग्स में कलेक्ट होता है जो इंफेक्शन के रूप में उभरता है.