अब लाइब्रेरी में इलेक्ट्रॉनिक्स बार कोड का यूज शुरू हो गया है. एक चिप लगी होगी जो कि यह बता देगी कि बुक कहां और किस कंडीशन में है. आईआईटी कानपुर में आटोमेटेड लाइब्रेरी व आरएफआईडी लाइब्रेरी चल रही हैं. आरएफआईडी को इलेक्ट्रॉनिक्स बार कोड के रूप में पहचान दी गई है. इस टेक्नोलॉजी का यूज बुक्स को खोजने व इश्यू रिटर्न में किया जाता है.
महज लैब तक सीमित नहीं
यह बात उत्तर प्रदेश टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट में रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टॉपिक पर वन वीक वर्कशाप का इनॉग्रेशन करते हुए आईआईटी के सुशांत पाठी ने कही. वर्कशाप में संस्थान के डायरेक्टर प्रो. डीबी शाक्यवार ने कहा कि न्यू टेक्नोलॉजी लगातार डेवलप की जा रही है. अच्छी बात यह है कि इसे महज लैब तक सीमित नहीं किया जा रहा है. इसका यूज एकेडिमक इंस्टीट्यूशन में अच्छी तरह से किया जा रहा है. आईआईटी के सुशांत पाठी ने कहा कि लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का यूज लाइब्रेरी के लिए बेहतर रहेगा. इससे स्टूडेंट्स को भी फायदा मिलेगा. वर्कशाप कोऑर्डिनेटर मुकेश कुमार सिंह ने आए गेस्ट का वेलकम किया. इस मौके पर आई पी मिश्रा, सीमा शुक्ला, प्रो प्रमोद कुमार, प्रो. महेन्द्र उत्तम, प्रो प्रशांत मौजूद रहे.
अब लाइब्रेरी में बुक खोजनी नहीं पड़ेगी, इलेक्ट्रॉनिक चिप खुद बता देगी उसका पता
Reviewed by Brajmohan
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1:59 AM
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