प्रॉपर्टी बेचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप इसका दाम तय करें. आपकी प्रॉपर्टी की प्राइस इसकी लोकेशन पर डिपेंड करती है. पड़ोसियों या फिर ब्रोकर से बातचीत आपको प्राइस के बारे में एक फेयर आइडिया दे सकती है. हां, इतना ध्यान रखिए कि अगर आप पुरानी प्रॉपर्टी बेच रहे हैं तो फिर इसका दाम भी उसी हिसाब से होना चाहिए. इसके लिए बेहतर होगा कि आप किसी ऐसी प्रॉपर्टी को विजिट कर सकते हैं जो हाल में बेची गई हो और आपकी प्रॉपर्टी की एज की हो. इससे भी आपको प्राइस के बारे में अंदाजा हो जाएगा.
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बायर खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि एडवरटीजमेंट दे दिया जाए. या फिर प्रॉपर्टी वेबसाइट पर लिस्टिंग करवा लें. लिस्टिंग में कोई पैसा नहीं खर्च होता है. साथ ही आप वेबसाइट पर बायर्स लिस्ट भी देख सकते हैं.
buyer
अगर आप अपना घर बेच रहे हैं तो फिर इसे ऐसी सिचुएशन में रखें कि देखने वाला इंप्रेस हो. डैंपनेस या मॉइश्चर देखकर निश्चित तौर पर बायर का मन हट जाएगा. अच्छा होगा कि थोड़े पैसे खर्च करके अच्छा पेंट लगवाएं और घर को थोड़ा फ्रेश लुक दें. डोर्स और विंडोज को पॉलिस करवाएं. यह एक्सपेंस लगभग 5 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट का आता है. एक नॉर्मल टू-बेडरूम-हॉल-किचन के लिए यह खर्च-15000 से 18000 रुपए के बीच हो सकता है. पॉलिश का खर्च भी लगभग 2 से 3 हजार रुपए हो सकता है. बाद में यह आपको काफी बेनेफिट देगा.
documents अब अगर बायर को आपका घर पसंद आ जाए और वह टोकन अमाउंट देना चाहे तो ऐसी सिचुएशन में जरूरी कागजात तैयार रखें. मेन डॉक्यमेंट्स के साथ नो-ऑब्जेक्शन, नो ड्यूज और इस तरह के दूसरे सर्टिफिकेट्स को भी तैयार रखें.
इस बारे में सबसे पहले अपने पड़ोसियों से बातचीत करें. प्रॉपर्टी एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोग एक्सपेंड करना चाहते हैं या अपने किसी रिलेटिव और फेमिली मेंबर के लिए घर तलाश रहे होते हैं. ऐसी सिचुएशन में सेलर को लगभग 5 परसेंट एक्स्ट्रा तक का बेनेफिट मिल जाता है. अगर आपकी प्रॉपर्टी प्राइम एरिया में है तो कॉरपोरेट बायर्स भी मिल सकते हैं.
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किसी पड़ोसी या फिर सोसायटी मेंबर को प्रॉपर्टी बेचने से सिर्फ अच्छा दाम ही नहीं मिलेगा, बल्कि यह ब्रोकरेज में खर्च होने वाला आपका पैसा भी बचाएगा. प्रजेंट टाइम में ट्रांजैक्शन अमाउंट का दो परसेंट ब्रोकरेज है. अगर अमाउंट 2 करोड़ से ज्यादा है तो यह निगोशिएबल है. हालांकि मिनिमम ब्रोकर्स चार्ज एक परसेंट है और ब्रोकर सेलर और बायर दोनों से कमीशन भी लेता है.
brokers last option प्रॉपर्टी बेचते वक्त कॉस्ट के अलावा दूसरी प्रॉब्लम्स भी सामने आती हैं. आमतौर ब्रोकर्स के साथ यह प्रॉब्लम होती है कि वे डील से पहले सब्जबाग दिखाते हैं और डील होते समय डिफरेंट रीजंस का हवाला देकर टाल-मटोल करने लगते हैं.
बायर खोजने का सबसे अच्छा तरीका है कि एडवरटीजमेंट दे दिया जाए. या फिर प्रॉपर्टी वेबसाइट पर लिस्टिंग करवा लें. लिस्टिंग में कोई पैसा नहीं खर्च होता है. साथ ही आप वेबसाइट पर बायर्स लिस्ट भी देख सकते हैं.
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अगर आप अपना घर बेच रहे हैं तो फिर इसे ऐसी सिचुएशन में रखें कि देखने वाला इंप्रेस हो. डैंपनेस या मॉइश्चर देखकर निश्चित तौर पर बायर का मन हट जाएगा. अच्छा होगा कि थोड़े पैसे खर्च करके अच्छा पेंट लगवाएं और घर को थोड़ा फ्रेश लुक दें. डोर्स और विंडोज को पॉलिस करवाएं. यह एक्सपेंस लगभग 5 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट का आता है. एक नॉर्मल टू-बेडरूम-हॉल-किचन के लिए यह खर्च-15000 से 18000 रुपए के बीच हो सकता है. पॉलिश का खर्च भी लगभग 2 से 3 हजार रुपए हो सकता है. बाद में यह आपको काफी बेनेफिट देगा.
documents अब अगर बायर को आपका घर पसंद आ जाए और वह टोकन अमाउंट देना चाहे तो ऐसी सिचुएशन में जरूरी कागजात तैयार रखें. मेन डॉक्यमेंट्स के साथ नो-ऑब्जेक्शन, नो ड्यूज और इस तरह के दूसरे सर्टिफिकेट्स को भी तैयार रखें.
just seal the deal
Reviewed by Brajmohan
on
12:35 PM
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