कुकरी क्लासेज में भावी दूल्हों की बढ़ती संख्या
NEW DELHI (29 Oct, Agency): शादी के पहले दुल्हन को दी जाने वाली पति के दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरने वाली सीख महानगरों में पलटती नजर आ रही है. कुकरी क्लासेज में भावी दूल्हों की बढ़ती संख्या बताती है कि दुल्हन के दिल तक पहुंचने के लिए दूल्हे भी अब उनके पेट से होकर गुजरने वाले रास्ते का सहारा ले रहे हैं. पकड़ रहा जोर दिल्ली में कुकरी क्लासेज की सीरीज चलाने वाली ज्योति अग्रवाल ने कहा कि मेरे पास कई ऐसे लड़के और वर्किंग मेन्स आते हैं जो कुकिंग की एबीसी से लेकर विशेष व्यंजन बनाना तक सीखना चाहते हैं. शादी होने से पहले भी कई लड़के खाना बनाने में दिलचस्पी लेते हैं. हालांकि आनुपातिक तौर पर इनकी संख्या अभी कम है, लेकिन फिर भी धीरे-धीरे यह ट्रेडिशन जोर पकड़ रहा है. वक्त की मांग ऐसे समय में जब हसबैंड-वाइफ दोनों वर्किंग हैं. दोनों के पास ही एक-दूसरे के लिए कम समय है. हसबैंड भी चाहते हैं कि वाइफ के हर काम में उसका सहयोग करें. टीवी शोज में भी दिखाया जा रहा है कि हसबैंड को परफेक्ट होना चाहिए, ऐसे में परफेक्शन के पैमाने में खाना बनाना भी शामिल हो रहा है. राजधानी में कुकरी क्लासेज चलाने वाली नमिता वर्मा ने बताया कि देश के जाने-माने सभी शेफ मेन हैं और इसके चलते भी मेंस कैटेगरी की महिलाओं का एकाधिकार माने जाने वाले इस क्षेत्र में दिलचस्पी बढ़ रही है. नमिता ने कहा कि मेरे पास कई लड़के ऐसे भी आए, जिन्होंने अपनी वुड बी के कहने पर कुकरी संबंधी कई किताबों से पाक कला के कुछ नुस्खे सीखे. इसके बाद फॉर्मल ट्रेनिंग लेने के लिए उन्होंने क्लास का रुख किया. अब लड़कों को कुकरी क्लास में आकर कुकिंग सीखने में भी झिझक नहीं है.
NEW DELHI (29 Oct, Agency): शादी के पहले दुल्हन को दी जाने वाली पति के दिल का रास्ता पेट से होकर गुजरने वाली सीख महानगरों में पलटती नजर आ रही है. कुकरी क्लासेज में भावी दूल्हों की बढ़ती संख्या बताती है कि दुल्हन के दिल तक पहुंचने के लिए दूल्हे भी अब उनके पेट से होकर गुजरने वाले रास्ते का सहारा ले रहे हैं. पकड़ रहा जोर दिल्ली में कुकरी क्लासेज की सीरीज चलाने वाली ज्योति अग्रवाल ने कहा कि मेरे पास कई ऐसे लड़के और वर्किंग मेन्स आते हैं जो कुकिंग की एबीसी से लेकर विशेष व्यंजन बनाना तक सीखना चाहते हैं. शादी होने से पहले भी कई लड़के खाना बनाने में दिलचस्पी लेते हैं. हालांकि आनुपातिक तौर पर इनकी संख्या अभी कम है, लेकिन फिर भी धीरे-धीरे यह ट्रेडिशन जोर पकड़ रहा है. वक्त की मांग ऐसे समय में जब हसबैंड-वाइफ दोनों वर्किंग हैं. दोनों के पास ही एक-दूसरे के लिए कम समय है. हसबैंड भी चाहते हैं कि वाइफ के हर काम में उसका सहयोग करें. टीवी शोज में भी दिखाया जा रहा है कि हसबैंड को परफेक्ट होना चाहिए, ऐसे में परफेक्शन के पैमाने में खाना बनाना भी शामिल हो रहा है. राजधानी में कुकरी क्लासेज चलाने वाली नमिता वर्मा ने बताया कि देश के जाने-माने सभी शेफ मेन हैं और इसके चलते भी मेंस कैटेगरी की महिलाओं का एकाधिकार माने जाने वाले इस क्षेत्र में दिलचस्पी बढ़ रही है. नमिता ने कहा कि मेरे पास कई लड़के ऐसे भी आए, जिन्होंने अपनी वुड बी के कहने पर कुकरी संबंधी कई किताबों से पाक कला के कुछ नुस्खे सीखे. इसके बाद फॉर्मल ट्रेनिंग लेने के लिए उन्होंने क्लास का रुख किया. अब लड़कों को कुकरी क्लास में आकर कुकिंग सीखने में भी झिझक नहीं है.