KANPUR (22 Oct): अपनी रैंकिंग और प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पा रहे इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए बुरी खबर. यूपीटीयू उनकी सीटें घटाने की रिक्वेस्ट एआईसीटीई से करेगा. अगर जरूरी हुआ तो मान्यता भी खत्म की जा सकती है. कॉलेजों के लिए इस सेशन में अपनी पढ़ाई का स्तर, फैकल्टी, संसाधन, रिजल्ट्स और प्लेसमेंट रेट आदि सुधारना अब एक मजबूरी है. सूत्रों के अनुसार यह एक्शन इसी साल जनवरी में जारी एक शासनादेश के आधार पर लिया जा रहा है.
सूची तैयार
यूपीटीयू सोर्सेज के अनुसार खराब प्रदर्शन करते आ रहे गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक सूची तैयार की गई है. इसमें कानपुर व आसपास के भी आधा दर्जन कॉलेज हैं. नए खुले कॉलेजों को नोटिस के बजाए मौखिक चेतावनी देकर अगले साल तक का समय दिया गया है. अगर वे सुधार नहीं लाते हैं तो उनके यहां की सीटें आधी करने की रिक्वेस्ट ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) को भेज दी जाएगा. यूपीटीयू के शीर्ष ऑफिसर्स के अनुसार एक्स्ट्रीम केसेज में कॉलेजों की मान्यता भी छीनी जा सकती है.
सूची तैयार
यूपीटीयू सोर्सेज के अनुसार खराब प्रदर्शन करते आ रहे गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा के कई इंजीनियरिंग कॉलेजों की एक सूची तैयार की गई है. इसमें कानपुर व आसपास के भी आधा दर्जन कॉलेज हैं. नए खुले कॉलेजों को नोटिस के बजाए मौखिक चेतावनी देकर अगले साल तक का समय दिया गया है. अगर वे सुधार नहीं लाते हैं तो उनके यहां की सीटें आधी करने की रिक्वेस्ट ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआईसीटीई) को भेज दी जाएगा. यूपीटीयू के शीर्ष ऑफिसर्स के अनुसार एक्स्ट्रीम केसेज में कॉलेजों की मान्यता भी छीनी जा सकती है.