कोई नहीं बचाएगा आपको मच्छरों से

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MEERUT (13 Nov): डेंगू के मच्छर बेखौफ हैं. उन्हें पता है कि उन्हें कोई खतरा नहीं है. हालांकि सीएमओ लगातार दो माह से कह रहे हैं कि जिले में डेंगू नहीं है, बल्कि डेंगू जैसे कई अन्य वायरल बुखार हैं. मजेदार बात ये है कि महकमे के हेड को भी इस बात की जानकारी नहीं है कि मलेरिया आफिस में चार माह से एंटी लारवा दवाई नहीं है.

नगर मलेरिया अधिकारी के अनुसार शहर के 80 वार्डो में एंटी लारवा दवाई के छिड़काव के लिए 33 टीमें काम कर रही हैं. लेकिन चार माह से दवाई कागजों में ही डाली जा रही है. कर्मचारी आते हैं और हाजरी लगाकर चलते बनते हैं. सीएमओ डॉ. एससी माहेश्वरी भी विभाग की इस कारगुजारी से अनजान हैं. पूछे जाने पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की. मलेरिया अधिकारी बताते हैं कि अन्य जिलों से थोड़ी दवाई मंगवाकर फिलहाल काम चलाया जा रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार दवाई लेने जाने वाले कर्मचारी का बाकायदा टीए बनता है, लेकिन दवाई नहीं आती है क्योंकि दवाई तो वहां भी नहीं है. विभागीय कार्रवाई को पूरा करने के लिए नाटकीय कार्यक्रम किया जाता है.

बताते हैं कि पिछले वर्ष सौ लीटर दवाई की खपत नगर क्षेत्र में थी. इस वर्ष दवाई ज्यादा आनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक मात्र 40 लीटर दवाई ही आ सकी है. जबकि इस मौसम में एंटी वायरल दवाई का छिड़काव होना बेहद जरूरी है.

नगर मलेरिया विभाग के पास 80 कर्मचारियों की लंबी-चौड़ी फौज तो है, लेकिन काम क्या कर रहे इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है. चार्ट तो बना है कि किस दिन किस वार्ड में दवाई डालनी है मगर बिना दवाई के वार्ड में जाकर कर्मचारियों को आखिर करना ही क्या है. वहीं मलेरिया विभाग से कैंट बोर्ड भी दवाई लेता रहा है, लेकिन इस बार उनको भी दवाई नहीं मिली है.
एंटी लारवा दवाई मंगवाने के लिए विभाग को लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक भी दवाई नहीं आई है. इसकी जानकारी सीएमओ को दी जा चुकी है.


यह सामग्री http://www.inext.co.in/epaper/default.aspx से ली हैं।

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