अब सुख-दुख भी बांटेंगे रोबोट

मशीन और इंसान में सबसे बड़ा फर्क यह माना जाता है कि मशीन इमोशनल नहीं होती. वह आपकी हेल्प कर सकती है लेकिन आपका दुख-दर्द नहीं बांट सकती. अपनी इमोशंस नहीं व्यक्त कर सकती लेकिन साइंटिस्ट्स को एक ऐसा रोबोट डेवलप करने में कामयाबी मिल गई है जो खुशी, दुख या चिंता को बखूबी व्यक्त कर सकेगा.

उसका नाम जूल है. जूल को ब्रिस्टल रोबोटिक्स यूनिवर्सिटी (बीआरएल) की लेबोरेटरी में ह्यंमून रोबोट इंटरेक्शन प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया है.

मानवीय रूप देने के लिए इसके फेस की स्किन को लचीले पदार्थ फ्लूबर से बनाया गया है. फ्लूबर की हेल्प से जूल अपने फेस का भाव कई तरह से व्यक्त कर सकता है. वह एक ही समय में हंसने, उदास होने या चिंतित होने जैसे दस भाव व्यक्त करने में माहिर है. जूल की यही खूबी उसे दूसरे नकलची रोबोट से अलग बनाती है.

उसके बाडी की स्किन में लगे नन्हे इलेक्ट्रॉनिक मोटर और वीडियो कैमरे उसे इंसानी हाव-भाव या चलने-फिरने की शैली को अपनाने में हेल्प करेंगे. बीआरएल में आर्टिफिशिएल इमोशंस पर काम कर रहे पीटर जैकेल कहते हैं कि जूल पहला ऐसा मानवीय रोबोट है जो किसी इंसान के इमोशंस की हूबहू नकल उतार सकता है.

उन्होंने कहा कि यह अलग बात है कि अक्सर लोग ज्यादा मानवीय गुण वाले रोबोट को पसंद नहीं करते लेकिन हमें लगता है कि इमोशनल रोबोट को लोग बड़ी आसानी से एक बेस्ट फ्रेंड के रूप में अपना सकेंगे. उन्हें इसके साथ सुख-दुख बांटने में सुकून मिलेगा. उन्होंने कहा कि रोबोट जूल का यूज स्पेस मिशन या घर की देखभाल जैसे कामों में किया जा सकेगा.



यह सामग्री http://www.inext.co.in/epaper/default.aspx से ली हैं।

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