सारा शहर बीमार है. एक के बाद एक लोग बीमार हो रहे हैं. शहर में बीमारी से कई मौतें भी हो चुकी हैं. डेंगू, वायरल, स्वाइन फ्लू, चिकुनगुनिया और कंजक्ंिटवाइटिस जैसी बीमारियां फैल रही हैं. इसके बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट के रिकॉर्ड में कोई बीमार नहीं है. सिर्फ स्वाइन फ्लू को छोड़ दें तो शहर में किस बीमारी के कितने पेशेंट हैं किसी को नहीं पता.
हर रोज 15 से 20 पेशेंट
नाम न छापने की शर्त पर एक प्राइवेट डॉक्टर ने बताया कि वो लगातार डेंगू के पेशेंट्स को ट्रीट कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये बात सही है कि इस बार डेंगू हेम्रेजिक फीवर के पेशेंट की संख्या कम रही है, लेकिन अभी भी डेली दो से तीन पेशेंट क्लासिक डेंगू के आ जाते हैं. हर रोज डेंगू के 15 से 20 नए मरीज आ रहे हैं.
नहीं कोई रिकॉर्ड
इसे शहर का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि यहां स्वाइन फ्लू के अलावा किसी अन्य बीमारी का प्रॉपर रिकॉर्ड नहीं है. सरकारी स्तर पर डेंगू की जांच सिर्फ मेडिकल कॉलेज में होती है. पर यहां भी लापरवाही हो रही है. जब हेल्थ डिपार्टमेंट ने जीएसवीएम से रिकॉर्ड मांगा, तो वो सिर्फ 15 दिन का ही रिकॉर्ड दे पाए, जिसमें 6 पेशेंट्स पॉजिटिव पाए गए. इससे पहले का उनके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. सूत्रों की मानें तो मेडिकल कॉलेज की लापरवाही से डेंगू की जांच बंद पड़ी थी. डिपार्टमेंट पर प्रेशर पड़ने पर 20 दिनों पहले ही टेस्टिंग शुरू हो सकी.
हो चुकी हैं दर्जनों मौतें
शहर में अब तक बीमारियों से दर्जनों मौतें हो चुकी हैं. इन मौतों के बाद भी हेल्थ डिपार्टमेंट मजबूर है. सीएमओ डॉ. अशोक मिश्रा कहते हैं कि उनके डिपार्टमेंट की तरफ से कई बार पैथोलॉजी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स को लिखा गया कि वो उन्हें बीमारियों का ब्योरा दें लेकिन वो ऐसा नहीं कर रहे. वो कहते हैं कि कोई एक्ट न होने के कारण वो सिर्फ इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं.
Not sick in town
Reviewed by Brajmohan
on
5:44 AM
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