I am like that

मैं ऐसा ही हूं..

पेशेंस, डिसिप्लिन और सही ट्रेनिंग. यही वो चीजें हैं जो किसी व्यक्ति को सक्सेसफुल बनाती हैं. बस इसमें राइट न्यूट्रीशन और जोड़ दीजिए, तो आप बन सकते हैं सक्सेसफुल बॉडी बिल्डर. यह मानना है सन 2004 में मिस्टर व‌र्ल्ड का टाइटल जीतने वाले बॉडी बिल्डिर, मलेशिया के वांगहांग का. छह बार एशियन चैम्पियनशिप के विनर वांगहांग के मुताबिक बॉडी कट्स और शेप में लाना एक दिन का काम नहीं है. काफी वक्त लगता है इसमें.
इसलिए बॉडी बिल्डर स्पेशली यंगस्टर्स को पेशेंस के साथ एक्सरसाइज करनी चाहिए. हर इंसान के जेनेटिक्स अलग-अलग होते हैं. इसलिए युवा मूवीज, सीरियल्स या डब्लूडब्लूई में रेसलर्स की तरह बनने या दिखने की कोशिश न करें. अपनी क्षमताओं को पहचानकर डाइट और एक्सरसाइज करें.

ऐसे मिला मोटिवेशन
सन 1988 में आई हॉलीवुड मूवी इनक्रेडिबल हल्क को देखने के बाद उन्हें बॉडी बिल्डिंग का चस्का लगा. फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. हफ्ते में पांच बार एक्सरसाइज करते हैं. एक ट्रेनिंग सेशन डेढ़ घंटे का होता है. अरनाल्ड श्वाजनेगर को आइडियल मानने वाले वांग मलेशियन मूवी टुआ केम्बली में एक्टिंग भी कर चुके हैं.

 अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी से ह्यूंमन साइंस में एमएससी कर चुके वांग भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी की फिल्म शहीद में भी एक्टिंग कर रहे हैं. वांग के मुताबिक बॉडी बिल्डिंग में प्रोफेशनलिज्म हावी हो चुका है. इसीलिए व‌र्ल्ड फेम प्रोफेशनल्स तक बॉडी बनाने के लिए ड्रग्स और प्रतिबंधित दवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं. वांग ने कहा, आजकल जिम में युवाओं को तरह-तरह की दवाएं और पाउडर खाने को दिए जाते हैं, जोकि काफी खतरनाक होते हैं. इससे हार्ट अटैक, लिवर डैमेज, किडनी फेल्योर और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा रहता है. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के लिए अच्छे ट्रेनर का सेलेक्शन बहुत जरूरी है

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