भारत और चीन इधर काफी दिनों से डोकलाम विवाद को लेकर चर्चा में थे। हालांकि अब यह विवाद सुलझ गया है और ब्रिक्स समिट के लिए भी दोनों देश तैयार है। अब इस सम्मेलन में दोनों के बीच संबंध कैसे होंगे यह तो वक्त बताएगा, लेकिन एक बात जानना जरूरी है कि चीन और भारत एक दूसरे की तारीफ करने से भी नहीं चूकते हैं। जानें वो 5 मौके जब चीन ने भारत को सराहा...
खुली विदेश आर्थिक नीति:
बीती जुलाई में जब डोकलाम विवाद काफी तेज था उस समय भी चीन ने भारत की 'खुली विदेश आर्थिक नीति' की तारीफ की थी। चीन का कहना था कि भारत लगातार ही विदेशी निवेश आकर्षित करके विदेशी निवेश का एक बड़ा गढ बन रहा है।
बीती जुलाई में जब डोकलाम विवाद काफी तेज था उस समय भी चीन ने भारत की 'खुली विदेश आर्थिक नीति' की तारीफ की थी। चीन का कहना था कि भारत लगातार ही विदेशी निवेश आकर्षित करके विदेशी निवेश का एक बड़ा गढ बन रहा है।
ब्रिक्स लेकर की तारीफ:
इसी साल जुलाई में ही जी-20 शिखर सम्मेलन में अनौपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे की तारीफ की थी। चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स लेकर भारत की शानदार अध्यक्षता की काफी तारीफ की थी।
जीएसटी लागू होने पर तारीफ:
चीन ने भारत में जीएसटी लागू करने वाले कदम की भी सराहना की है। इसी साल जुलाई में जब भारत ने देश में जीएसटी लागू करने का आदेश दिया था। उस समय चीनी मीडिया कहना था कि नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा।
इसी साल जुलाई में ही जी-20 शिखर सम्मेलन में अनौपचारिक रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक दूसरे की तारीफ की थी। चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स लेकर भारत की शानदार अध्यक्षता की काफी तारीफ की थी।
जीएसटी लागू होने पर तारीफ:
चीन ने भारत में जीएसटी लागू करने वाले कदम की भी सराहना की है। इसी साल जुलाई में जब भारत ने देश में जीएसटी लागू करने का आदेश दिया था। उस समय चीनी मीडिया कहना था कि नई टैक्स व्यवस्था से मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा।
सोल्जर वापस करने पर:
इसके पहले फरवरी में भी चीन ने भारत की तारीफ की थी। भारत ने 1962 के युद्ध के बाद भारत में रह रहे एक चीनी सैनिक वांग को वापस किया था। वांग मध्यप्रदेश में रहे थे। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना था कि यह भारत की मदद से ही संभव हुआ।
पोखरण परमाणु परीक्षण पर प्रशंसा:
इसके पहले जब 1998 में भी चीन ने खुले मंच पर पर भारत की प्रशंसा की थी। 1998 में 11 मई को भारत ने पोखरण परमाणु परीक्षण किया था। इस दौरान भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया था।