PARIS (2 Oct, Agency): अगर लाइफ एक्सपेक्टेंसी (जीवन प्रत्याशा) की प्रवृत्ति इसी प्रकार रही तो रिच कंट्रीज में अभी जन्म ले रहे बच्चों में आधे से ज्यादा 100 साल तक जी सकेंगे. मेडिकल जर्नल द लैंसेट में पब्लिश एक स्टडी में यह दावा किया गया है. स्टडी के मुताबिक 20वीं सदी में ज्यादातर डेवलेप कंट्रीज में लाइफ एक्सपेक्टेंसी में करीब 30 परसेंट की वृद्धि हुई है. सदर्न डेनमार्क यूनिवर्सिटी के डेनिश एजिंग रिसर्च सेंटर के प्रो. केर क्रिस्तेनसेन ने अपनी स्टडी के रिजल्ट में यह बात कही है. क्रिस्तेनसेन ने कहा, 1950 में 80 साल की एज की 15-16 परसेंट महिलाएं और 12 परसेंट पुरुष थे. 2002 में 80 साल से ज्यादा एज की महिलाओं और पुरुषों का डेटा 37 परसेंट और 25 परसेंट हो गया. जापान में 80-90 साल की एज के लोगों में 50 परसेंट से अधिक महिलाएं हैं. स्टडी के मुताबिक, अगर डेवलप कंट्रीज में पिछली दो शताब्दियों से 21वीं सदी तक लाइफ एक्सपेक्टेंसी में वृद्धि की दर इसी प्रकार रही तो फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, जापान और अन्य देशों में 2000 से जन्मे अधिकतर बच्चे की लाइफ एक्सपेक्टेंसी ज्यादा होगी और वे अपना सौवां बसंत देख पाएंगे.