The foreign friend

i next desk : - इंडियन मार्केट ग्रो कर रहा है. वजह है बड़ी तादाद में हो रहा फॉरेन इनवेस्टमेंट, जिसके चलते एक्स्प‌र्ट्स का मानना है कि हर साल की तरह इस साल मानसून का निगेटिव इफेक्ट मार्केट पर नहीं पड़ेगा. मार्केट में बढ़ते मनी फ्लो का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल अभी तक फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (एफएफआई) द्वारा इंडियन शेयर मार्केट में 60 हजार करोड़ (करीब 12 अरब डॉलर) इनवेस्ट किए जा चुके हैं, जबकि अकेले सितंबर महीने में 18 हजार 344 करोड़ का इनवेस्टमेंट किया गया था. 30 सितंबर को खत्म हुए मानसून के बाद से ही मार्केट ने नए बेंचमार्क सेट किए हैं. इसी ड्यूरेशन में बीएसई सेंसेक्स 15.5 परसेंट की उछाल के साथ 17127 तक पहुंच गया.एक राय नहीं एक्सप‌र्ट्सकुछ एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि इंडेक्स का यह ह्यूंज डाइवरजेंस मानसून ट्रेंड के कारण हो रहा है. उनके मुताबिक रेनफाल के दौरान इंडियन इकोनॉमी डाउन हुई और अब मानसून के बाद यह नए मुकाम की ओर है. हालांकि कुछ अन्य एक्सप‌र्ट्स का मानना है कि इकोनॉमी अब भी बहुत ज्यादा हाई नहीं हुई है. मानसून में रेनफाल की कमी के कारण जीडीपी ग्रोथ में कमी आई जिसके चलते एग्रो कमोडिटी प्राइजेस ग्लोबली इनक्रीज हुए. इसके साथ ही खाने की चीजों में भी बढ़ोत्तरी हुई.37 साल बादइंडियन मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के मुताबिक उसने 22 सितंबर को 12 स्टेट्स के 299 डिस्ट्रिक्ट में सूखे की स्थिति पर निगाह रखी और पाया कि इस साल मानसून में 23 परसेंट की कमी आई जो 1972 के बाद सबसे खराब सिचुएशन थी. आईएमडी के मुताबिक सूखे की स्थिति मिड जून के बाद और खराब हो गई. इस इश्यू की गंभीरता को देखते हुए नेशनल रेनफेड अथॉरिटी ने पैन इंडिया ड्रॉट मैनेजमेंट स्ट्रैटजी के साथ एक मसौदा तैयार किया.बारिश की कमीएक्सप‌र्ट्स के मुताबिक बारिश की कमी के चलते देश का एग्रीकल्चर और डॉमेस्टिक कंजंप्शन इफेक्टेड हुआ जिसके चलते जरूरी चीजें जैसे खाने का सामान और घरेलू चीजों के दाम आसमान पर पहुंच गए. इसी के चलते सरकारी फाइनेंस भी प्रभावित हुआ क्योंकि सूखे से निपटने के लिए सरकार को रिलीफ फंड जारी करने पड़े. इस साल मानसून का डिस्ट्रिब्यूशन भी नॉर्मल नहीं रहा. सीजन की 70 परसेंट बारिश जुलाई और अगस्त के बीच हुई. जून में 46 परसेंट बारिश हुई जो नॉर्मल से कम थी, जबकि अगस्त और सितंबर में बारिश की फिर कमी हुई. इन्हीं सब चीजों ने इस साल एग्रो कमोडिटीज प्राइजेज को आसमान पर पहुंचा दिया.

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