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बच्चो, आप अक्सर सडक दुर्घटनाओं के बारे में सुनते होंगे। ऐसा भी संभव है कि आपका कोई फ्रेंड भी रोड ऐक्सिडेंट का शिकार हुआ हो! दरअसल, इसके पीछे न केवल वाहन चालक की गलती होती है, बल्कि हमारी और आपकी लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं होती है। सच तो यह है कि हम सभी ट्रैफिक रूल्स के बारे में जानते तो हैं, लेकिन सडकों पर जब उन्हें फॉलो करने की बारी आती है, तो भूल जाते हैं। इसलिए यदि आप पैदल, साइकिल आदि से स्कूल जा रहे हैं, या स्कूल-बस से जा रहे हैं, तो उन रूल्स को फॉलो करना होगा। साथ ही साथ, यदि आप अपने मम्मी-पापा के साथ जा रहे हैं, तो उन्हें ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने की याद दिलाने की जिम्मेदारी आपकी है। साथ ही, यदि आप स्कूल के बस -ड्राइवर से आप सभी मिलकर रूल्स फॉलो करने की मिन्नत करेंगे, तो रोड ऐक्सिडेंट जरूर कम हो जाएंगे।
जब आप कहीं जा रहे हों पैदल
क्या आप पैदल ही स्कूल या अन्य किसी स्थान पर जा रहे हैं? यदि हां, तो एक बात का खयाल जरूर रखें कि आप हमेशा सडकों पर बने फुटपाथ पर ही चलें। यदि फुटपाथ नहीं बना है, तो सडक के बिल्कुल दायीं तरफ चलें।
अक्सर आप लोग सडक पर चलते समय जल्दबाजी करने लगते हैं। यदि सडक पर वाहन लगातार आ-जा रहे हों, तो कभी भी रोड क्र ॉस न करें! अपने दायें-बायें, आगे-पीछे देखकर ही सडक पार करें।
क्या आप यह सोचते हैं कि सडकों पर बनी सफेद धारियां उनकी खूबसूरती बढाने के लिए होती हैं? बिल्कुल गलत! दरअसल, ये धारियां जेब्रा-क्रॉसिंग कहलाती हैं, जो पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई जाती हैं।
जहां भी सबवे, फुट-ओवर ब्रिज आदि बना हो, आप उन्हीं का प्रयोग करें, क्योंकि बच्चो! ये आपकी ही सुविधा के लिए तो बना है!
यह अक्सर होता होगा कि यदि पैदल चौडी सडक पार करनी है, तो आप लोग सडक पर दौड लगा देते होंगे! ऐसा बिल्कुल न करें। पहले आधी सडक पार कर लें, फिर सडक पर बने फुटपाथ पर थोडी देर खडे होकर दोनों दिशाओं में आने वाली गाडियों को देख लें। और उसके बाद फिर आधी सडक पार करें।
कभी भी सडक के कोने या कर्व से रोड क्रॉस करने का आइडिया मन में न लाएं। यह संभव है कि तेज गति से आता हुआ वाहन आपको देख न पाए।
आपका सडक पर दौड लगाने का आइडिया बिल्कुल सही नहीं है। ऐसा करते हुए आप न केवल फिसल सकते हैं, बल्कि गिर भी सकते हैं।
कभी भी मोबाइल पर बात करते हुए सडक पार न करें।
बच्चो, यह तो बात हुई, जब आप सडक पर पैदल चल रहे हैं। अच्छा जब आप बस या किसी दूसरे वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तब आप किन-किन बातों को ध्यान में रखेंगे?
आइए एक बार उन पर भी नजर डालें..
जब स्कूल जाना हो, बस से
क्या आप स्कूल बस पकडने के लिए रोज लेट हो जाते हैं और दौडकर उसे पकडते हैं? बिल्कुल गलत बात! क्या आप पांच मिनट पहले तैयार नहीं हो सकते? आखिर लाइफ का मामला है, मेरे प्यारे दोस्तो! इसलिए आप समय पर अपने घर से स्कूल बस पकडने के लिए निकल जाएं, ताकि आपको दौडकर अपनी बस न पकडनी पडे।
बस स्टैंड पर हमेशा क्यू में खडे हों। जब बस पूरी तरह रुक जाए, तभी बिना धक्का-मुक्की किए हुए चढें।
मुझे मालूम है, आपको बस पर शोरगुल करना या तेज आवाज में गाना गाना पसंद है। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है, क्योंकि इससे बस ड्राइवर का ध्यान दूसरी ओर जा सकता है।
कभी भी रेडलाइट पर बस पर चढने की कोशिश न करें।
यदि आप बस में खडे हैं, तो हैंडेल को जरूर पकडे रहें।
आपको चलती हुई बस से सिर निकालकर हवा खाना अच्छा लगता होगा! लेकिन आपका ऐसा करना कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पापा-मम्मी को याद दिलाएं ट्रैफिक रूल्स की
बच्चो, यदि आप पापा-मम्मी के साथ कहीं जा रहे हैं, तो उन्हें क्या याद दिलाएंगे?
यदि आपके पैरेन्ट्स गाडी ड्राइव करते हुए मोबाइल पर बात कर रहे हैं, तो आप यह जरूर बताएं कि ऐसा करने से उनका माइंड डाइवर्ट हो सकता है और बडी दुर्घटना भी हो सकती है।
आप अपने देश के ट्रायकलर (राष्ट्रीय झंडा)का सम्मान करते हैं। ठीक उसी तरह, आप अपने पैरेंट्स को एक और ट्रायकलर (ट्रैफिक सिग्नल) का सम्मान करने की याद जरूर दिलाएं।
कभी भी आप वाहन चलाने की जिद पापा-मम्मी से न करें।
अब तो आप सोच रहे होंगे कि लगे हाथ बस चालकों से भी रुल्स को फॉलो करने की मिन्नतें कर लूं। तो फिर देर किस बात की!
आप अपने बस चालक से जरूर कहें कि बहुत तेज गति से बस न चलाएं, क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना और बढ जाती है।
चालक को यह भी कहें कि वे कसे भी भी बस चलाते समय किसी यात्री से या अपने मोबाइल पर बात न करें।
बच्चो आप चालक से यह जरूर निवेदन करें कि बच्चों के बस से उतरते समय बस का चलाना बिल्कुल बंद कर लें।
जे.जे. डेस्क
(दिल्ली ट्रैफिक के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस एस.एन.श्रीवास्तव से बातचीत पर आधारित)
हाल में राहुल और कृष्णा नाम के दो बच्चों ने लोगों की जान बचाने में पुलिस की न केवल बहुत बड़ी मदद की, बल्कि बहादुर बच्चे बनने का सम्मान भी पाया। यदि बच्चो आप भी उनकी तरह समझदार बहादुर बच्चे बनना चाहते हैं, तो ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने के साथ-साथ, दूसरों को भी फॉलो करने की सलाह दें। आओ बच्चो, इस अंक में हम ट्रैफिक रूल्स के बारे में जानने की कोशिश करें..
बच्चो, आप अक्सर सडक दुर्घटनाओं के बारे में सुनते होंगे। ऐसा भी संभव है कि आपका कोई फ्रेंड भी रोड ऐक्सिडेंट का शिकार हुआ हो! दरअसल, इसके पीछे न केवल वाहन चालक की गलती होती है, बल्कि हमारी और आपकी लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं होती है। सच तो यह है कि हम सभी ट्रैफिक रूल्स के बारे में जानते तो हैं, लेकिन सडकों पर जब उन्हें फॉलो करने की बारी आती है, तो भूल जाते हैं। इसलिए यदि आप पैदल, साइकिल आदि से स्कूल जा रहे हैं, या स्कूल-बस से जा रहे हैं, तो उन रूल्स को फॉलो करना होगा। साथ ही साथ, यदि आप अपने मम्मी-पापा के साथ जा रहे हैं, तो उन्हें ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करने की याद दिलाने की जिम्मेदारी आपकी है। साथ ही, यदि आप स्कूल के बस -ड्राइवर से आप सभी मिलकर रूल्स फॉलो करने की मिन्नत करेंगे, तो रोड ऐक्सिडेंट जरूर कम हो जाएंगे।
जब आप कहीं जा रहे हों पैदल
क्या आप पैदल ही स्कूल या अन्य किसी स्थान पर जा रहे हैं? यदि हां, तो एक बात का खयाल जरूर रखें कि आप हमेशा सडकों पर बने फुटपाथ पर ही चलें। यदि फुटपाथ नहीं बना है, तो सडक के बिल्कुल दायीं तरफ चलें।
अक्सर आप लोग सडक पर चलते समय जल्दबाजी करने लगते हैं। यदि सडक पर वाहन लगातार आ-जा रहे हों, तो कभी भी रोड क्र ॉस न करें! अपने दायें-बायें, आगे-पीछे देखकर ही सडक पार करें।
क्या आप यह सोचते हैं कि सडकों पर बनी सफेद धारियां उनकी खूबसूरती बढाने के लिए होती हैं? बिल्कुल गलत! दरअसल, ये धारियां जेब्रा-क्रॉसिंग कहलाती हैं, जो पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए बनाई जाती हैं।
जहां भी सबवे, फुट-ओवर ब्रिज आदि बना हो, आप उन्हीं का प्रयोग करें, क्योंकि बच्चो! ये आपकी ही सुविधा के लिए तो बना है!
यह अक्सर होता होगा कि यदि पैदल चौडी सडक पार करनी है, तो आप लोग सडक पर दौड लगा देते होंगे! ऐसा बिल्कुल न करें। पहले आधी सडक पार कर लें, फिर सडक पर बने फुटपाथ पर थोडी देर खडे होकर दोनों दिशाओं में आने वाली गाडियों को देख लें। और उसके बाद फिर आधी सडक पार करें।
कभी भी सडक के कोने या कर्व से रोड क्रॉस करने का आइडिया मन में न लाएं। यह संभव है कि तेज गति से आता हुआ वाहन आपको देख न पाए।
आपका सडक पर दौड लगाने का आइडिया बिल्कुल सही नहीं है। ऐसा करते हुए आप न केवल फिसल सकते हैं, बल्कि गिर भी सकते हैं।
कभी भी मोबाइल पर बात करते हुए सडक पार न करें।
बच्चो, यह तो बात हुई, जब आप सडक पर पैदल चल रहे हैं। अच्छा जब आप बस या किसी दूसरे वाहन से यात्रा कर रहे हैं, तब आप किन-किन बातों को ध्यान में रखेंगे?
आइए एक बार उन पर भी नजर डालें..
जब स्कूल जाना हो, बस से
क्या आप स्कूल बस पकडने के लिए रोज लेट हो जाते हैं और दौडकर उसे पकडते हैं? बिल्कुल गलत बात! क्या आप पांच मिनट पहले तैयार नहीं हो सकते? आखिर लाइफ का मामला है, मेरे प्यारे दोस्तो! इसलिए आप समय पर अपने घर से स्कूल बस पकडने के लिए निकल जाएं, ताकि आपको दौडकर अपनी बस न पकडनी पडे।
बस स्टैंड पर हमेशा क्यू में खडे हों। जब बस पूरी तरह रुक जाए, तभी बिना धक्का-मुक्की किए हुए चढें।
मुझे मालूम है, आपको बस पर शोरगुल करना या तेज आवाज में गाना गाना पसंद है। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है, क्योंकि इससे बस ड्राइवर का ध्यान दूसरी ओर जा सकता है।
कभी भी रेडलाइट पर बस पर चढने की कोशिश न करें।
यदि आप बस में खडे हैं, तो हैंडेल को जरूर पकडे रहें।
आपको चलती हुई बस से सिर निकालकर हवा खाना अच्छा लगता होगा! लेकिन आपका ऐसा करना कभी-कभी जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पापा-मम्मी को याद दिलाएं ट्रैफिक रूल्स की
बच्चो, यदि आप पापा-मम्मी के साथ कहीं जा रहे हैं, तो उन्हें क्या याद दिलाएंगे?
यदि आपके पैरेन्ट्स गाडी ड्राइव करते हुए मोबाइल पर बात कर रहे हैं, तो आप यह जरूर बताएं कि ऐसा करने से उनका माइंड डाइवर्ट हो सकता है और बडी दुर्घटना भी हो सकती है।
आप अपने देश के ट्रायकलर (राष्ट्रीय झंडा)का सम्मान करते हैं। ठीक उसी तरह, आप अपने पैरेंट्स को एक और ट्रायकलर (ट्रैफिक सिग्नल) का सम्मान करने की याद जरूर दिलाएं।
कभी भी आप वाहन चलाने की जिद पापा-मम्मी से न करें।
अब तो आप सोच रहे होंगे कि लगे हाथ बस चालकों से भी रुल्स को फॉलो करने की मिन्नतें कर लूं। तो फिर देर किस बात की!
आप अपने बस चालक से जरूर कहें कि बहुत तेज गति से बस न चलाएं, क्योंकि इससे दुर्घटना होने की संभावना और बढ जाती है।
चालक को यह भी कहें कि वे कसे भी भी बस चलाते समय किसी यात्री से या अपने मोबाइल पर बात न करें।
बच्चो आप चालक से यह जरूर निवेदन करें कि बच्चों के बस से उतरते समय बस का चलाना बिल्कुल बंद कर लें।
जे.जे. डेस्क
(दिल्ली ट्रैफिक के ज्वाइंट कमिश्नर ऑफ पुलिस एस.एन.श्रीवास्तव से बातचीत पर आधारित)
हाल में राहुल और कृष्णा नाम के दो बच्चों ने लोगों की जान बचाने में पुलिस की न केवल बहुत बड़ी मदद की, बल्कि बहादुर बच्चे बनने का सम्मान भी पाया। यदि बच्चो आप भी उनकी तरह समझदार बहादुर बच्चे बनना चाहते हैं, तो ट्रैफिक रूल्स फॉलो करने के साथ-साथ, दूसरों को भी फॉलो करने की सलाह दें। आओ बच्चो, इस अंक में हम ट्रैफिक रूल्स के बारे में जानने की कोशिश करें..
फॉलो ट्रैफिक रूल्स
Reviewed by Brajmohan
on
2:14 AM
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