New hope for heart patients

NEW DELHI (21 May, Agency): भारत में पहली बार हार्ट अटैक के ट्रीटमेंट के लिए पेशेंट के शरीर में लगे एक मेडिकल एक्वीपमेंट में उस सुपर प्लास्टिक का इस्तेमाल किया गया है जिसका इन्वेंशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने स्पेस यान के इन्सुलेशन के लिए किया था.
क्या है सुपर प्लास्टिक?
सुपर प्लास्टिक एटेन एबिलीटी कार्डिएक रीसिंगक्रोनाइजेशन थैरेपी (सीआरटी) के सेक्टर में सबसे पहली लीड है जो नासा इंजीनियरों द्वारा डेवलप किए गए इंसुलेशन मैटीरियल के इस्तेमाल से बनता है. यह पेसमेकर या सीआरटी से एनर्जी लेता है और हार्ट की मांसपेशियों को सप्लाई करता है जिससे वह पहले की तरह सामान्य रूप से काम करने लगती है.
एफडीए ने लगाई मोहर
एटेन एबिलीटी का डेवलेपमेंट मेडट्रानिक कंपनी द्वारा किया गया है और इसे हाल ही में अमेरिकी ऑर्गनाइजेशन एफडीए की मान्यता मिल गई है. मेडट्रानिक कंपनी सीरियस डीसिजेस से जूझते पेशेंट्स के लिए लाइफ टाइम सॉल्यूशन सर्विस देने के मामले में दुनिया में अग्रणी कंपनी है.
हार्ट पेशेंट्स होंगे खुश
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में इलेक्ट्रोफिजियो थैरेपी और इंटरवेंशनलिस्ट कार्डियोलाजी डिपार्टमेंट के सीनियर कंसलटेंट डॉ. बलवीर सिंह ने यह एक्वीपमेंट पेशेंट्स को लगाया है. डॉ.सिंह का मानना है कि पहली बार ऐसा हुआ है कि शरीर में लगाए जाने वाले इस प्रकार के किसी एक्वीपमेंट में नासा से प्राप्त टेक्निक का यूज किया गया. उन्होंने बताया कि दिल के ऐसे भाग के ट्रीटमेंट में आसानी होगी जहां अब तक पहुंचना कठिन होता है. इसका लाभ दुनिया भर के हार्ट पेशेंट्स को हो सकेगा. उन्होंने कहा कि हो सकता है यह महंगी हो लेकिन आसानी से मिलेगी.

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