KAUSHAMBI (21 May, Agency): कहते हैं न कि जोड़ियांतो ऊपर वाला बनाकर भेजता है. तोऊपर वाले ने एक जोड़ी बहुत अनोखीबनाई. साठ साल के व्यक्ति की जोड़ीएक खिलौने वाली गुड़िया के साथबनाई. यकीन नहीं होता न. आईये, हम बताते हैं आपको कि आखिरकारकैसे हुई यह अनोखी शादी.
हुआ यूं कि कौशांबी जिले के जहानपुरके रहने वाले साठ साल के अनमैरिडअम्रत लाल को किसी ने उलाहना दियाकि मरने के बाद अंत्येष्टि कौन करेगा. फिर क्या था अम्रत लाल को यह तानाबर्दाश्त नहीं हुआ. अब समस्या यह थीकि उम्र के ढलते इस पड़ाव में उनसेशादी कौन करे. फिर उनके दिमाग मेंआइडिया आया. उन्होंने बच्चों केखेलने वाली एक गुड़िया से शादी करनेका मन बनाया.
सारे रीति रिवाज निभाए
यह अनोखी शादी वास्तव में अनोखीथी. अम्रत लाल ने सारी रात विधिविधान से पंडित और नाई कीमौजूदगी मे विवाह संस्कार संपन्नकराया. उनके छोटे भाई ने लड़की केपिता की भूमिका निभाते हुएकन्यादान किया. भाई के बेटे ने लड़कीके भाई की रस्म अदा की औरयथाशक्ति दहेज भी दिया गया. विवाहकी रस्म खत्म होने पर गांव वालों कोबाकायदा डिनर कराया. पूरे गांववालोंने जमकर धमाल किया. इसी शुक्रवारको वर-वधू के साथ गंगा स्नान के बादश्री सत्य नारायण की कथा सुनने कानिश्चय भी किया है.
सुनते थे ताना
निर्धन तबके के अमृत लाल कानपुर मेंएक डेयरी में मात्र 1800 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करते हैं. उनके चारभाई हैं जो नाती पोते वाले हैं. अमृतलाल अक्सर अपने छोटे भाई छोटेलाल के पास गांव आते थे. कुछ दिनपहले छोटे लाल की पत्नी ने उनकोउलाहना दिया तुम कुंआरे हो तोतुम्हारे मरने के बाद तुम्हारी अंत्येष्टिकोई नही करेगा. यह ताना ही अम्रतलाल के लिए तनाव का कारण बनाऔर हो गई गुड़िया से शादी.
हुआ यूं कि कौशांबी जिले के जहानपुरके रहने वाले साठ साल के अनमैरिडअम्रत लाल को किसी ने उलाहना दियाकि मरने के बाद अंत्येष्टि कौन करेगा. फिर क्या था अम्रत लाल को यह तानाबर्दाश्त नहीं हुआ. अब समस्या यह थीकि उम्र के ढलते इस पड़ाव में उनसेशादी कौन करे. फिर उनके दिमाग मेंआइडिया आया. उन्होंने बच्चों केखेलने वाली एक गुड़िया से शादी करनेका मन बनाया.
सारे रीति रिवाज निभाए
यह अनोखी शादी वास्तव में अनोखीथी. अम्रत लाल ने सारी रात विधिविधान से पंडित और नाई कीमौजूदगी मे विवाह संस्कार संपन्नकराया. उनके छोटे भाई ने लड़की केपिता की भूमिका निभाते हुएकन्यादान किया. भाई के बेटे ने लड़कीके भाई की रस्म अदा की औरयथाशक्ति दहेज भी दिया गया. विवाहकी रस्म खत्म होने पर गांव वालों कोबाकायदा डिनर कराया. पूरे गांववालोंने जमकर धमाल किया. इसी शुक्रवारको वर-वधू के साथ गंगा स्नान के बादश्री सत्य नारायण की कथा सुनने कानिश्चय भी किया है.
सुनते थे ताना
निर्धन तबके के अमृत लाल कानपुर मेंएक डेयरी में मात्र 1800 रुपए प्रतिमाह की नौकरी करते हैं. उनके चारभाई हैं जो नाती पोते वाले हैं. अमृतलाल अक्सर अपने छोटे भाई छोटेलाल के पास गांव आते थे. कुछ दिनपहले छोटे लाल की पत्नी ने उनकोउलाहना दिया तुम कुंआरे हो तोतुम्हारे मरने के बाद तुम्हारी अंत्येष्टिकोई नही करेगा. यह ताना ही अम्रतलाल के लिए तनाव का कारण बनाऔर हो गई गुड़िया से शादी.
रब ने बना दी गुड़िया से जोड़ी
Reviewed by Brajmohan
on
12:12 PM
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