NEW DELHI/KATHMANDU (21 May, Agency): गुरुवार का दिन भारत के लिए ऐतिहासिक बन गया. इस दिन 11 भारतीयों ने माउंट एवरेस्ट को फतह किया और वहां तिरंगा लहरा दिया. इन भारतीयों की उपलब्धि के बीच नेपाल के अप्पा शेरपा ने भी गुरुवार को 8848 मीटर ऊंची चोटी पर 19वीं बार सफल चढ़ाई की.
एक कारनामा ये भी
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी के रूप में शुमार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वालों में 19 वर्षीय मराठी युवती कृष्णा भी है. यह कारनामा करने वाली वह महाराष्ट्र की पहली महिला है. कृष्णा नेपाल के एशियन ट्रैकिंग दल में शामिल थीं.
दस का दम
कृष्णा के अलावा उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 10 पर्वतारोही भी गुरुवार सुबह माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे. इस दल में भी एक 24 वर्षीय महिला शामिल थी. इस दल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर जाकर एक अनोखा और साहस भरा कारानामा अंजाम दिया है.
नेपाली शेरपा को सलाम
इन भारतीय पर्वतारोहियों के बीच नेपाल के 49 वर्षीय अप्पा शेरपा ने एवरेस्ट पर 19वीं बार सफल चढ़ाई कर अपना ही रिकार्ड तोड़ा. याक चराने वाले एक गरीब व्यक्ति के पुत्र अप्पा शेरपा का यह अभियान पर्यावरण जागरूकता को समर्पित था. परिवार का पेट भरने के लिए महज 12 साल की उम्र में पोर्टर (पर्वतारोहियों का सामान ढोने वाला) बनने वाले अप्पा शेरपा अब दुनिया के महानतम पर्वतारोहियों में शुमार किए जाते हैं. उन्हें शुरू में काफी संघर्ष करना पड़ा था.
खास मकसद के लिए
अप्पा शेरपा शुरू में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ पाने में सफल नहीं हो सके थे. तीन बार नाकाम रहने के बाद 1980 में पहली दफा एवरेस्ट के शिखर को चूमा था. लोगों को अप्पा के एवरेस्ट पर पंहुचने का यह कारनामा याद रहेगा. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज अप्पा शेरपा इस वर्ष खास मकसद से एवरेस्ट पर चढ़े. उनका यह अभियान प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण मौसम चक्र में आ रहे बदलाव को रोकने के लिए अवेयरनेस फैलाने के प्रति समर्पित था. अप्पा नेपाली समयानुसार सुबह आठ बजे एवरेस्ट पर पहुंचे और वहां एक बैनर लहरा दिया. इस पर लिखा था, मौसम में बदलाव को रोको, हिमालय को जीने दो.
एक कारनामा ये भी
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी के रूप में शुमार माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वालों में 19 वर्षीय मराठी युवती कृष्णा भी है. यह कारनामा करने वाली वह महाराष्ट्र की पहली महिला है. कृष्णा नेपाल के एशियन ट्रैकिंग दल में शामिल थीं.
दस का दम
कृष्णा के अलावा उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के 10 पर्वतारोही भी गुरुवार सुबह माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचे. इस दल में भी एक 24 वर्षीय महिला शामिल थी. इस दल ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर जाकर एक अनोखा और साहस भरा कारानामा अंजाम दिया है.
नेपाली शेरपा को सलाम
इन भारतीय पर्वतारोहियों के बीच नेपाल के 49 वर्षीय अप्पा शेरपा ने एवरेस्ट पर 19वीं बार सफल चढ़ाई कर अपना ही रिकार्ड तोड़ा. याक चराने वाले एक गरीब व्यक्ति के पुत्र अप्पा शेरपा का यह अभियान पर्यावरण जागरूकता को समर्पित था. परिवार का पेट भरने के लिए महज 12 साल की उम्र में पोर्टर (पर्वतारोहियों का सामान ढोने वाला) बनने वाले अप्पा शेरपा अब दुनिया के महानतम पर्वतारोहियों में शुमार किए जाते हैं. उन्हें शुरू में काफी संघर्ष करना पड़ा था.
खास मकसद के लिए
अप्पा शेरपा शुरू में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ पाने में सफल नहीं हो सके थे. तीन बार नाकाम रहने के बाद 1980 में पहली दफा एवरेस्ट के शिखर को चूमा था. लोगों को अप्पा के एवरेस्ट पर पंहुचने का यह कारनामा याद रहेगा. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज अप्पा शेरपा इस वर्ष खास मकसद से एवरेस्ट पर चढ़े. उनका यह अभियान प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण मौसम चक्र में आ रहे बदलाव को रोकने के लिए अवेयरनेस फैलाने के प्रति समर्पित था. अप्पा नेपाली समयानुसार सुबह आठ बजे एवरेस्ट पर पहुंचे और वहां एक बैनर लहरा दिया. इस पर लिखा था, मौसम में बदलाव को रोको, हिमालय को जीने दो.
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