PATNA (16 March, Agency): गुरु से लव गुरु बने पटना के बीएन कॉलेज में हिन्दी के प्रो. मटुकनाथ चौधरी अब पार्लियामेंट में एंट्री लेने की कोशिश रहे हैं. लव गुरु पटना साहिब से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. अपने से आधी उम्र की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट जूली के साथ अपनी लव स्टोरी से चर्चा में आए प्रो. मटुकनाथ ने डेमोक्रेसी में प्यार के मतलब को अपना चुनावी एजेंडा बनाएंगे. मटुकनाथ के चुनाव लड़ने से अब स्टार कैंडीडेंट्स की फेहरिश्त में एक और नाम जुड़ गाएगा.
अंदाज-ए-खास: मटुकनाथ
लव गुरु मटुकनाथ कहते हैं कि उनका इलेक्शन लड़ने का खास मकसद दुनिया में प्रेम का विस्तार करना है. प्यार को डेमोक्रेटिक जामा पहनाने वाले लव गुरु कहते हैं कि डेमोक्रेसी में अब प्यार की जरूरत है. वो इलेक्शन कैंपेन में अपने ही अंदाज में प्यार के खास संदेश देंगे. वो अपने फलसफा को विस्तार देते हुए बताते हैं कि जनता से नाता जोड़ने भर से ही प्रेम फैलने लगता है. खबर है कि लवगुरु ने होली के रंगारंग समारोहों में भी प्रेम का पाठ पढ़ाकर लोगों को प्रेम के रंग में सराबोर कर दिया. पिछले दिनों प्रेम का असली पाठ पढ़ाते हुए मटुकनाथ ने फिजा और चांद मोहम्मद की लव स्टोरी पर भी अपने बेबाक बयान जारी किए. उन्होंने साफ कर दिया था कि चांद और फिजा में सच्चा प्यार था ही नहीं. अगर सच्चा प्यार होता तो फिजा और चांद आज अलग-अलग नहीं होते. प्यार में वह ताकत होती है जो दोनों को बांधकर रखती है.
नि:शब्द के किरदार
दरअसल प्रोफेसर और जूली की बोल्ड लवस्टोरी जब ऑन एयर हुई तो लोगों के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि यह स्टोरी फिल्म नि:शब्द के इर्द गिर्द घूमती है. मटुकनाथ कहां चूकने वाले थे, अपनी प्रेयसी के साथ नि:शब्द देखने एक थियेटर में पहुंचे तो वहां बवाल हो गया. उन्हें और जूली को वहां दर्शकों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा. प्रोफेसर साहब और जूली का प्यार जब सुर्खियों में आया तो रोज ही उनके प्यार से जुड़ी एक नई स्टोरी सामने आने लगी. कहीं उनकी पत्नी के विरोध का सामना करना पड़ा, तो कई जगह उनके प्यार को सपोर्ट भी मिला.
विरोधियों ने मटुकनाथ के चेहरे तक को काला कर दिया और उनकी पत्नी ने तो जूली को बुरी तरह पिटाई कर दी. लेकिन मटुकनाथ और जूली अपने प्रेम को लेकर तब भी समर्पित थे और आज भी हैं. अब इस इलेक्शन के जरिये वो प्रेम का संदेश देंगे. बताते हैं कि लव मैसेंजर के रूप में जूली उनकी हमकदम बनेंगी.
यह सामग्री http://www.inext.co.in/epaper/default.aspx से ली हैं।
अंदाज-ए-खास: मटुकनाथ
लव गुरु मटुकनाथ कहते हैं कि उनका इलेक्शन लड़ने का खास मकसद दुनिया में प्रेम का विस्तार करना है. प्यार को डेमोक्रेटिक जामा पहनाने वाले लव गुरु कहते हैं कि डेमोक्रेसी में अब प्यार की जरूरत है. वो इलेक्शन कैंपेन में अपने ही अंदाज में प्यार के खास संदेश देंगे. वो अपने फलसफा को विस्तार देते हुए बताते हैं कि जनता से नाता जोड़ने भर से ही प्रेम फैलने लगता है. खबर है कि लवगुरु ने होली के रंगारंग समारोहों में भी प्रेम का पाठ पढ़ाकर लोगों को प्रेम के रंग में सराबोर कर दिया. पिछले दिनों प्रेम का असली पाठ पढ़ाते हुए मटुकनाथ ने फिजा और चांद मोहम्मद की लव स्टोरी पर भी अपने बेबाक बयान जारी किए. उन्होंने साफ कर दिया था कि चांद और फिजा में सच्चा प्यार था ही नहीं. अगर सच्चा प्यार होता तो फिजा और चांद आज अलग-अलग नहीं होते. प्यार में वह ताकत होती है जो दोनों को बांधकर रखती है.
नि:शब्द के किरदार
दरअसल प्रोफेसर और जूली की बोल्ड लवस्टोरी जब ऑन एयर हुई तो लोगों के मुंह से एक ही बात निकल रही थी कि यह स्टोरी फिल्म नि:शब्द के इर्द गिर्द घूमती है. मटुकनाथ कहां चूकने वाले थे, अपनी प्रेयसी के साथ नि:शब्द देखने एक थियेटर में पहुंचे तो वहां बवाल हो गया. उन्हें और जूली को वहां दर्शकों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा. प्रोफेसर साहब और जूली का प्यार जब सुर्खियों में आया तो रोज ही उनके प्यार से जुड़ी एक नई स्टोरी सामने आने लगी. कहीं उनकी पत्नी के विरोध का सामना करना पड़ा, तो कई जगह उनके प्यार को सपोर्ट भी मिला.
विरोधियों ने मटुकनाथ के चेहरे तक को काला कर दिया और उनकी पत्नी ने तो जूली को बुरी तरह पिटाई कर दी. लेकिन मटुकनाथ और जूली अपने प्रेम को लेकर तब भी समर्पित थे और आज भी हैं. अब इस इलेक्शन के जरिये वो प्रेम का संदेश देंगे. बताते हैं कि लव मैसेंजर के रूप में जूली उनकी हमकदम बनेंगी.
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Love Guru in poll fight
Reviewed by Brajmohan
on
10:45 AM
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