टूट गए सब रिकार्ड
कुछ लोग चाहते हैं कि प्रिंस चार्ल्स की जगह गद्दी उनके बेटे विलियम को सौंपी जाए. बासठ साल के प्रिंस चार्ल्स के इस लंबे इंतजार ने उनके परदादा एडवर्ड सातवें का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जिन्होंने रानी विक्टोरिया के बाद 1901 में ब्रिटेन की गद्दी संभाली थी. हालांकि उत्तराधिकार हासिल करने के लिए सबसे लंबे समय तक इंतजार करने वाले ब्रिटेन के राजकुमार की ये कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसे वेल्स के युवराज वाकई हासिल करना चाहते थे. वो तीन साल की उम्र से ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठने की इच्छा पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने हाथ पर हाथ धरे केवल राजा बनने का इंतजार ही नहीं किया है.
अलग करने की चाहत
ब्रिटेन के राजकुमार की कोई खास भूमिका तय नहीं होने के बावजूद प्रिंस चार्ल्स ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां अपने हाथों में ले रखी हैं जिनमें युवा बेरोजगारी, स्थापत्य, पर्यावरण और ब्रिटेन की मूल वासी लाल गिलहरियों का संरक्षण शामिल है. उनके अधिकारियों का कहना है कि प्रिंस कुछ अलग कर गुजरना चाहते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि राजगद्दी पर उनकी दावेदारी शायद ज्यादा समय की नहीं होगी. महारानी का शासनकाल ज्यादा लंबा होने पर कुछ लोग चाहेंगे कि प्रिंस चार्ल्स की जगह प्रिंस विलियम को ही ब्रिटेन की राजगद्दी सौंपी जाए. इसकी संभावना कम ही है. ब्रिटिश साम्राज्य में 1936 के संवैधानिक संकट के बाद ऐसा कोई मौका नहीं आया जब ब्रिटेन के राजा ने पद त्याग किया हो. तब दो बार तलाकशुदा एक अमेरिकी महिला से विवाह के इच्छुक राजा एडवर्ड आठवें ने सत्ता त्याग दी थी. लेकिन प्रिंस चार्ल्स के सामने ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है और न ही उन्होंने गद्दी छोड़ने के कोई संकेत ही दिए हैं. हालांकि उनकी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अच्छे स्वास्थ्य को देखते हुए उनका इंतजार और लंबा हो सकता है जिसकी शायद उन्हें आदत भी पड़ चुकी है.
कुछ लोग चाहते हैं कि प्रिंस चार्ल्स की जगह गद्दी उनके बेटे विलियम को सौंपी जाए. बासठ साल के प्रिंस चार्ल्स के इस लंबे इंतजार ने उनके परदादा एडवर्ड सातवें का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जिन्होंने रानी विक्टोरिया के बाद 1901 में ब्रिटेन की गद्दी संभाली थी. हालांकि उत्तराधिकार हासिल करने के लिए सबसे लंबे समय तक इंतजार करने वाले ब्रिटेन के राजकुमार की ये कोई ऐसी उपलब्धि नहीं है जिसे वेल्स के युवराज वाकई हासिल करना चाहते थे. वो तीन साल की उम्र से ब्रिटेन की राजगद्दी पर बैठने की इच्छा पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं. हालांकि उत्तराधिकारी के रूप में उन्होंने हाथ पर हाथ धरे केवल राजा बनने का इंतजार ही नहीं किया है.
अलग करने की चाहत
ब्रिटेन के राजकुमार की कोई खास भूमिका तय नहीं होने के बावजूद प्रिंस चार्ल्स ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां अपने हाथों में ले रखी हैं जिनमें युवा बेरोजगारी, स्थापत्य, पर्यावरण और ब्रिटेन की मूल वासी लाल गिलहरियों का संरक्षण शामिल है. उनके अधिकारियों का कहना है कि प्रिंस कुछ अलग कर गुजरना चाहते हैं क्योंकि वो जानते हैं कि राजगद्दी पर उनकी दावेदारी शायद ज्यादा समय की नहीं होगी. महारानी का शासनकाल ज्यादा लंबा होने पर कुछ लोग चाहेंगे कि प्रिंस चार्ल्स की जगह प्रिंस विलियम को ही ब्रिटेन की राजगद्दी सौंपी जाए. इसकी संभावना कम ही है. ब्रिटिश साम्राज्य में 1936 के संवैधानिक संकट के बाद ऐसा कोई मौका नहीं आया जब ब्रिटेन के राजा ने पद त्याग किया हो. तब दो बार तलाकशुदा एक अमेरिकी महिला से विवाह के इच्छुक राजा एडवर्ड आठवें ने सत्ता त्याग दी थी. लेकिन प्रिंस चार्ल्स के सामने ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है और न ही उन्होंने गद्दी छोड़ने के कोई संकेत ही दिए हैं. हालांकि उनकी मां महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अच्छे स्वास्थ्य को देखते हुए उनका इंतजार और लंबा हो सकता है जिसकी शायद उन्हें आदत भी पड़ चुकी है.
इंतजार का इतिहास
Reviewed by Brajmohan
on
4:45 AM
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