गायब हुए या कर दिए गए?
NEW DELHI (3 Oct, Agency): इन दिनों अगर आप दिल्ली जाएं तो एक खास बात नोटिस करेंगे. दिल्ली की सूरत तो बदली है ही साथ ही इन दिनों दिल्ली की सड़कों से भिखारी गायब हो गए हैं. सबसे बड़ी बात कि यह सबकुछ अचानक हुआ है. सिर्फ भिखारी ही नहीं ट्रैफिक सिग्नल्स पर अक्सर बैलून, पेन और मैगजीन बेचने वाले भी इन दिनों नजर नहीं आ रहे हैं. इस बात को लेकर ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स और एनजीओ ने दिल्ली गवर्नमेंट पर ब्लेम किया है. उनका कहना है कि गवर्नमेंट ने गेम्स खत्म होने तक भिखारियों को शहर से बाहर रहने के लिए कहा है. उधर स्टेट ऑफिशियल्स ने इस बात का खंडन किया है.
भेज दिया दूसरे शहर
इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी की इंदू प्रकाश सिंह का कहना है कि इस बात की पुख्ता सूचना है कि गरीबों को रेलवे स्टेशन ले जाया गया. यहां उन्हें दूसरे शहरों की तरफ जाने वाली ट्रेनों में बैठा दिया गया. साथ ही इन्हें इंस्ट्रक्शंस भी दिए गए कि जब तक कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म नहीं हो जाते तब तक वे वापस लौट कर शहर में ना आएं. सिंह ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन ने गरीब लोगों पर सरकारी डर पैदा किया गया. नॉन गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन (एनजीओ) आश्रय अधिकार अभियान के संजय कुमार ने भी सिंह की बात से सहमति जताई है.
भिखारियों को किया वॉर्न
संजय ने कहा कि हमारे पास इंफॉर्मेशन है कि कई भिखारियों को ट्रकों में लादकर शहर से बाहर भेज दिया गया है. इन भिखारियों को वॉनिंग भी दी गई है कि वे गेम्स के खत्म होने तक वापस नहीं लौटें. उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सबसे पहले तो गवर्नमेंट पॉवर्टी की प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर पाई.
NEW DELHI (3 Oct, Agency): इन दिनों अगर आप दिल्ली जाएं तो एक खास बात नोटिस करेंगे. दिल्ली की सूरत तो बदली है ही साथ ही इन दिनों दिल्ली की सड़कों से भिखारी गायब हो गए हैं. सबसे बड़ी बात कि यह सबकुछ अचानक हुआ है. सिर्फ भिखारी ही नहीं ट्रैफिक सिग्नल्स पर अक्सर बैलून, पेन और मैगजीन बेचने वाले भी इन दिनों नजर नहीं आ रहे हैं. इस बात को लेकर ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स और एनजीओ ने दिल्ली गवर्नमेंट पर ब्लेम किया है. उनका कहना है कि गवर्नमेंट ने गेम्स खत्म होने तक भिखारियों को शहर से बाहर रहने के लिए कहा है. उधर स्टेट ऑफिशियल्स ने इस बात का खंडन किया है.
भेज दिया दूसरे शहर
इंडो ग्लोबल सोशल सर्विस सोसायटी की इंदू प्रकाश सिंह का कहना है कि इस बात की पुख्ता सूचना है कि गरीबों को रेलवे स्टेशन ले जाया गया. यहां उन्हें दूसरे शहरों की तरफ जाने वाली ट्रेनों में बैठा दिया गया. साथ ही इन्हें इंस्ट्रक्शंस भी दिए गए कि जब तक कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म नहीं हो जाते तब तक वे वापस लौट कर शहर में ना आएं. सिंह ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन ने गरीब लोगों पर सरकारी डर पैदा किया गया. नॉन गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन (एनजीओ) आश्रय अधिकार अभियान के संजय कुमार ने भी सिंह की बात से सहमति जताई है.
भिखारियों को किया वॉर्न
संजय ने कहा कि हमारे पास इंफॉर्मेशन है कि कई भिखारियों को ट्रकों में लादकर शहर से बाहर भेज दिया गया है. इन भिखारियों को वॉनिंग भी दी गई है कि वे गेम्स के खत्म होने तक वापस नहीं लौटें. उन्होंने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. सबसे पहले तो गवर्नमेंट पॉवर्टी की प्रॉब्लम सॉल्व नहीं कर पाई.
शुक्र है अब खेल खत्म है. तो अब वे शायद जल्द वापस आ जाएंगे.