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Happy Diwali Banam Tamso Ma Jyotirgamaya

परंपरा

बचपन की यादें अभी शेष हैं. शहरों से दूर हम छोटे कस्बों में किस तरह दीपावली का त्योहार आते ही घरों की साफ-सफाई में लग जाते थे. आस-पड़ोस के लोग भी अपनी पसंद और पॉकेट के हिसाब से घरों का रंग बदलते थे. धनतेरस के दिन खूब खरीदारी करते थे.

हम बच्चे जमकर पटाखा चलाते. हिंदू धर्म में यह फाइनेंशियल ईयर के समाप्त होने और नया बही-खाता शुरू होने का भी समय होता था जिसका अहसास दुकानों के रंग-रोगन से मिलता था. मतलब साफ है, शुरू से ही यह टोटल हैप्पी मोड में रहने वाला त्योहार रहा है. यह परंपरा तब की थी जब बाजार या सीधे शब्दों में कहें तो कॉरपोरेट व‌र्ल्ड और बाजारवाद का हमारी आम-जिंदगी में प्रवेश नहीं हुआ था.उनका उतना प्रभाव नहीं था. सालों से दीपावली के समय काम करने वाले लोगों के घरों में बोनस आने की भी परंपरा थी. फेस्टिव सीजन में हमारी फैमिली में छुट्टी का भी वक्त होता था. मतलब यह कि यह पर्व ही कुछ ऐसा था जहां बाजार को संभावना लगी. बाजार और कॉरपोरेट जगत दीपावली की इमोशन और इससे जुड़ी चीजों को अपने हितों के साथ कंबाइन कर दिया. हमारे कायदे-संस्कार को एक ग्लैम लुक दे दिया. परिणाम यह हुआ कि दीपावली पूरे व‌र्ल्ड में क्रिसमस की तरह बाजार के लिए भी फेस्टिव ईवेंट बन गया. हर तरफ दीपावली बोनांजा नजर आने लगा है. मल्टीनेशनल कंपनी हो या फिर टीवी या सिनेमा, दीपावली के मौके पर लोगों के पॉजिटिव सेंटिमेंट को कैश कराने लगे. हमने भी टीवी पर दीपावली के मौके पर कई बड़े शो शुरू किए. इसमें कुछ गलत भी नहीं था. समृद्धि के पर्व के रूप में हम दीपावली को मनाते हैं. अगर यह दिखे तो फिर हर्ज क्या है. कॉरपोरेट फेस्ट के रूप में दीपावली मनाई जाने लगी. एक रिसर्च के अनुसार दीपावली का बाजार हर साल जिस तेजी से बढ़ रहा है उसके अनुसार आने वाले समय में यह पूरे व‌र्ल्ड के मार्केट का भी फेस्टिव ईवेंट हो सकता है.

समीर नायर,एनडीटीवी इमैजिन के सीईओ हैं. कौन बनेगा करोड़पति को टीवी स्क्रीन पर लाने का क्रेडिट इन्हें जाता है.

अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। यह पर्व सामूहिक व व्यक्तिगत दोनों तरह से मनाए जाने वाला ऐसा विशिष्ट पर्व है जो धार्मिक, सांस्कृतिक व सामाजिक विशिष्टता रखता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दीवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है। लोग अपने घरों का कोना-कोना साफ़ करते हैं, नये कपड़े पहनते हैं। मिठाइयों के उपहार एक दूसरे को बाँटते हैं, एक दूसरे से मिलते हैं। घर-घर में सुन्दर रंगोली बनायी जाती है, दिये जलाए जाते हैं और आतिशबाजी की जाती है। बड़े छोटे सभी इस त्योहार में भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। हर प्रांत या क्षेत्र में दीवाली मनाने के कारण एवं तरीके अलग हैं पर सभी जगह कई पीढ़ियों से यह त्योहार चला आ रहा है। लोगों में दीवाली की बहुत उमंग होती है।

विवादस्पद तथ्य

दुनिया के अन्य प्रमुख त्योहारों के साथ ही दीवाली का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर प्रभाव चिंता योग्य है।


वायु प्रदूषण


विद्वानों के अनुसार आतिशबाजी के दौरान इतना वायु प्रदूषण नहीं होता जितना आतिशबाजी के बाद। जो प्रत्येक बार पूर्व दीवाली के स्तर से करीब चार गुना बदतर और सामान्य दिनों के औसत स्तर से दो गुना बुरा पाया जाता है। इस अध्ययन की वजह से पता चलता है कि आतिशबाज़ी के बाद हवा में धूल के महीन कण (en:PM2.5) हवा में उपस्थित रहते हैं। यह प्रदूषण स्तर एक दिन के लिए रहता है, और प्रदूषक सांद्रता 24 घंटे के बाद वास्तविक स्तर पर लौटने लगती है। अत्री एट अल की रिपोर्ट अनुसार नए साल की पूर्व संध्या या संबंधित राष्ट्रीय के स्वतंत्रता दिवस पर दुनिया भर आतिशबाजी समारोह होते हैं जो ओजोन परत में छेद के कारक हैं।


जलने की घटनाएं


दीवाली की आतिशबाजी के दौरान भारत में जलने की चोटों में वृद्धि पायी गयी है। अनार नामक एक आतशबाज़ी को 65% चोटों का कारण पाया गया है। अधिकांशतः वयस्क इसका शिकार होते हैं। समाचार पत्र, घाव पर समुचित नर्सिंग के साथ प्रभावों को कम करने में मदद करने के लिए जले हुए हिस्से पर तुरंत ठंडे पानी को छिड़कने की सलाह देते हैं अधिकांश चोटें छोटी ही होती हैं जो प्राथमिक उपचार के बाद भर जाती हैं।


दीवाली की प्रार्थनाएं


प्रार्थनाएं

क्षेत्र अनुसार प्रार्थनाएं अगला-अलग होती हैं। उदाहरण के लिए बृहदारण्यक उपनिषद की ये प्रार्थना जिसमें प्रकाश उत्सव चित्रित है:-

असतो मा सद्गमय।
तमसो मा ज्योतिर्गमय।
मृत्योर्मा अमृतं गमय।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥

अनुवाद:


असत्य से सत्य की ओर।
अंधकार से प्रकाश की ओर।
मृत्यु से अमरता की ओर।(हमें ले जाओ)
ॐ शांति शांति शांति।।

Happy Diwali Banam Tamso Ma Jyotirgamaya Happy Diwali Banam Tamso Ma Jyotirgamaya Reviewed by Brajmohan on 11:32 PM Rating: 5

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