आपने बचपन में पाइड पाइपर की स्टोरी जरूर पढ़ी होगी. जर्मनी की सिटी हेमलिन के लोग चूहों के आतंक से बेहद परेशान थे. तभी सिटी में एक व्यक्ति आया. उसने लोगों से कहा कि वह शहर से सभी चूहों को भगा देगा. उसने एक म्यूजिकल पाइप तैयार किया और शहर में बजाते हुए दाखिल हुआ. उसके म्यूजिक की धुन पर शहर के सभी चूहे उसके पीछे-पीछे चलने लगे. उसने सभी चूहों को नदी में ले जाकर डूबो दिया और सिटी को चूहों के आतंक से मुक्त कराया. इन दिनों रेलवे भी चूहों से निजात पाने के लिए ऐसा ही कोई उपाए तलाशने में लगा है.
जल्द ही निकलेगा टेंडर
सेंट्रल स्टेशन पर चूहों ने रेलवे की रातों की हराम कर दी है. अबतक लाखों के सामान चट कर गए हैं. अब रेल अफसरों ने इन चूहों से निपटने के लिए नायाब तरीका खोजा है. शीघ्र ही चूहों का सफाया करने के लिए टेंडर निकाला जाएगा. डिपार्टमेंट शीघ्र ही एक कंपनी को ठेका देने के लिए ग्रीन सिग्नल दे देगा.
सिक्योरिटी सिस्टम ध्वस्त
रेलवे की सिक्योरिटी सिस्टम के फैले संजाल को ध्वस्त करने में चूहे कोई कोताही नहीं बरतते हैं. संडे को ही सेन्ट्रल के सीसीटीवी कैमरों के तार चूहों ने काट डाले थे. इससे हड़कंप मच गया. करीब ढाई माह से सेन्ट्रल के जीआरपी थाने में सिक्योरिटी के लिए लगाए गए सीसी टीवी सेट बंद पड़े हैं. पार्सल सेक्शन में रखे लगेज पर भी चूहे रियाज करते हैं और विभाग को जमकर चूना लगाते हैं. रेलवे के माल गोदामों में डे लाइट में ही गदर मचाते रहते हैं. कभी-कभी तो ये चूहे रेल कर्मियों के अलावा पल्लेदारों को काट तक खाते हैं.
रेल प्रशासन के लिए चैलेंज
रेल प्रशासन के लिए चूहे चैलेंज बन गए हैं. इन चूहों को रेलवे स्टेशनों से हटाने के लिए रेलवे डिपार्टमेंट काफी समय से प्लान बना रहा था. लेकिन प्राब्लम का कोई सटीक निदान अफसरों को नहीं सूझ रहा था. एनसीआर(उत्तर मध्य रेलवे)के अधिकारियों ने फर्स्ट टाइम इन चूहों को हटाने के लिए इलाहाबाद में ठेका देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
डिपार्टमेंट सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार इलाहाबाद स्टेशन के लिए सेंट्रल वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को टेंडर दिया गया है. यह 24 महीने का कॉन्ट्रैक्ट है जिसमें ट्रैक, रेलवे यार्ड, गोदाम आदि शामिल हैं. डिप्टी सीटीएम शिवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि सेन्ट्रल से भी चूहे हटाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी.
जल्द ही निकलेगा टेंडर
सेंट्रल स्टेशन पर चूहों ने रेलवे की रातों की हराम कर दी है. अबतक लाखों के सामान चट कर गए हैं. अब रेल अफसरों ने इन चूहों से निपटने के लिए नायाब तरीका खोजा है. शीघ्र ही चूहों का सफाया करने के लिए टेंडर निकाला जाएगा. डिपार्टमेंट शीघ्र ही एक कंपनी को ठेका देने के लिए ग्रीन सिग्नल दे देगा.
सिक्योरिटी सिस्टम ध्वस्त
रेलवे की सिक्योरिटी सिस्टम के फैले संजाल को ध्वस्त करने में चूहे कोई कोताही नहीं बरतते हैं. संडे को ही सेन्ट्रल के सीसीटीवी कैमरों के तार चूहों ने काट डाले थे. इससे हड़कंप मच गया. करीब ढाई माह से सेन्ट्रल के जीआरपी थाने में सिक्योरिटी के लिए लगाए गए सीसी टीवी सेट बंद पड़े हैं. पार्सल सेक्शन में रखे लगेज पर भी चूहे रियाज करते हैं और विभाग को जमकर चूना लगाते हैं. रेलवे के माल गोदामों में डे लाइट में ही गदर मचाते रहते हैं. कभी-कभी तो ये चूहे रेल कर्मियों के अलावा पल्लेदारों को काट तक खाते हैं.
रेल प्रशासन के लिए चैलेंज
रेल प्रशासन के लिए चूहे चैलेंज बन गए हैं. इन चूहों को रेलवे स्टेशनों से हटाने के लिए रेलवे डिपार्टमेंट काफी समय से प्लान बना रहा था. लेकिन प्राब्लम का कोई सटीक निदान अफसरों को नहीं सूझ रहा था. एनसीआर(उत्तर मध्य रेलवे)के अधिकारियों ने फर्स्ट टाइम इन चूहों को हटाने के लिए इलाहाबाद में ठेका देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
डिपार्टमेंट सोर्सेज से मिली जानकारी के अनुसार इलाहाबाद स्टेशन के लिए सेंट्रल वेयर हाउसिंग कारपोरेशन को टेंडर दिया गया है. यह 24 महीने का कॉन्ट्रैक्ट है जिसमें ट्रैक, रेलवे यार्ड, गोदाम आदि शामिल हैं. डिप्टी सीटीएम शिवेन्द्र शुक्ला ने बताया कि सेन्ट्रल से भी चूहे हटाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी.
रेलवे को ‘Pied Piper’ की तलाश
Reviewed by Brajmohan
on
3:02 AM
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