Registry कराना अब होगा आसान

अगर सबकुछ तयशुदा प्लानिंग के मुताबिक हुआ. तो अब मकान की रजिस्ट्री के लिए आपको स्टांप पेपर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके लिए कानपुर में ई-स्टैम्पिंग शुरु किये जाने की योजना है.
क्या है e-stamping?
ई-स्टैम्पिंग स्टांप पेपर का ही दूसरा विकल्प है. यह बिल्कुल पेपर-फ्री वर्किग जैसा होगा. इसमें मकान मालिक को रजिस्ट्री के लिए स्टांप पेपर नहीं लगाने होंगे. बल्कि, बैंक में रजिस्ट्री के लिए फंड जमा करना होगा. बदले में बैंक की तरफ से रसीद इश्यू की जाएगी. इस रसीद को प्लेन पेपर में रेवेन्यू स्टांप के साथ लगाकर रजिस्ट्री करवाई जा सकेगी.
रुकेगा फर्जीवाड़ा
ई-स्टैम्पिंग की मुख्य वजह, फर्जीवाड़ा रोकना है. मंहगी प्रॉपर्टी के केसेज में स्टांप पेपर की ज्यादा दरकार होती है. दूसरा, स्टांप वेंडर अधिकतम 15,000 रुपए के स्टांप ही बेच सकते हैं. ज्यादा कीमत के स्टांप ट्रेजरी से खरीदे जाते हैं. हालांकि, कुछ वेंडर्स 15,000 से ज्यादा कीमत के स्टांप खरीद कर बेच रहे हैं.
यूपी में सप्लाई
नासिक और हैदराबाद सिक्योरिटी प्रेस में अधिकतम 25,000 रुपए कीमत के स्टांप ही प्रिंट होते हैं. कानपुर से पूरी यूपी में स्टांप सप्लाई किये जाते हैं. इनमें फैजाबाद, गोरखपुर, आगरा, मेरठ, झांसी, मुरादाबाद, लखनऊ, बस्ती और कानपुर जोन शामिल हैं. मुख्य कोषाधिकारी जीएस कलसी ने बताया कि स्टांप पेपर का कागज और प्रिंटिंग काफी मंहगी है. ई-स्टैम्पिंग से सरकार को अरबों का फायदा होगा.

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