कमाल के ये चार

सिटी में प्रतिभाशालियों की कोई कमी नहीं है. वे देश-दुनिया की हर इंडस्ट्री में छाए हैं. अपनी प्रतिभा का झंडा हाल ही में सिटी के चार स्टूडेंट्स ने कुछ इस कदर बुलंद किया कि साफ्टवेयर बनाने वाली दुनिया की दिग्गज कंपनी माइक्रोसॉफ्ट भी उनका लोहा मान गई. माइक्रोसॉफ्ट अब इन स्टूडेंट्स के साथ काम कर रही है.
थी गलती
करीब एक माह पहले माइक्रोसॉफ्ट अपना नया सॉफ्टवेयर अश्योर लांच करने वाली थी. कानपुर यूनिवर्सिटी में बीटेक फ‌र्स्ट इयर के स्टूडेंट्स अधोक्षज, गौरव सिंह और अंकुर वर्मा तथा बीफार्मा का स्टूडेंट अनुराग मिश्र को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इस सॉफ्टवेयर का गहनता से अध्ययन किया. उन्हें सॉफ्टवेयर में कई कमियां मिलीं. हालांकि यह कमियां छोटे लेवल की, लेकिन महत्वपूर्ण थीं. इन कमियों का एक नोट बनाकर इन स्टूडेंट्स ने एक मेल माइक्रोसॉफ्ट को भेजा. कंपनी ने जब इसकी जांच की तो बात सही निकली. इसके बाद कंपनी ने सॉफ्टवेयर की लांचिंग रोक दी.
दिया ऑफर
माइक्रोसॉफ्ट ने इन स्टूडेंट्स को मेल कर इन कमियों को बताने के लिए थैंक्यू बोला और उन्हें तीन ऑफर दिए. पहला इन स्टूडेंट्स के डेवलप किए गए सॉफ्टवेयर को बाजार में अपने नाम से लांच करना, जिसका इन स्टूडेंट्स को पेमेंट किया जाएगा. दूसरा टेक्निकल सपोर्ट और तीसरा कंपनी के सॉफ्टवेयर में बेहतरी के लिए सजेशन देना. इस ऑफर के बाद इन स्टूडेंट्स ने इंडियन डिजी लैब नामक एक कंपनी बनाई और काम शुरू कर दिया.
चार का चमत्कार
ये चारों स्टूडेंट्स अलग-अलग क्षेत्र में एक्सपर्ट हैं. अधोक्षज जहां सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में महारत रखता है, वहीं गौरव सिंह और अंकुर वर्मा कंप्यूटर की कोई भी सिक्योरिटी को तोड़ने में माहिर हैं. अनुराग मिश्र वेबसाइट डिजाइनिंग, वायरस बनाने और एंटी वायरस रिमूव करने में एक्सपर्ट है.
कंप्यूटर पर सिमटी दुनिया
कुछ नया करने का जुनून इन चारों में इस कदर छाया रहता है कि उनका अधिकतर समय कंप्यूटर पर ही गुजरता है. इन स्टूडेंट्स का कहना है कि वे खुद को साबित करना चाहते हैं. फ‌र्स्ट इयर का स्टूडेंट्स होने के कारण सीनियर उन्हें अक्सर अंडर एस्टिमेट करते थे. खुद को साबित करने के लिए ये खाना, पीना, सोना और घूमना भूलकर कंप्यूटर की दुनिया में खोए रहते हैं.
सॉफ्टवेयर सिटी बने
इन स्टूडेंट्स का सपना कानपुर का नाम फिर से इंटरनेशनल लेवल पर रोशन करने का है. इनका कहना है कि कानपुर कभी इंडस्ट्रियल सिटी हुआ करती थी. अब हम इसे सॉफ्टवेयर सिटी बनाना चाहते हैं. हम दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि इंडियन्स किसी से कम नहीं हैं. वे हर क्षेत्र में आगे हैं.
कमाल के ये चार कमाल के ये चार Reviewed by Brajmohan on 5:30 AM Rating: 5

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