इस समय मीडिया इंडस्ट्री बूम के दौर से गुजर रही है, लेकिन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि कुछ ही सालों के अंदर इंटरनेट एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री इसे पीछे छोड़ देगी. यह दावा किया है इंटरनेट इंडस्ट्री से जुड़े एक्सपर्ट्स ने, जिनके मुताबिक इंडिया में 49 मिलियन इंटरनेट यूजर्स हैं, जबकि इस साल देश का ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट 1100 करोड़ रहने की उम्मीद है. अगर गूगल का यह अंदाजा सही साबित होता है तो ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट में यह पिछले साल के मुकाबले दोगुनी ग्रोथ होगी.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऑनलाइन एडवरटाइजिंग इकलौती ऐसी इंडस्ट्री है, जहां कंज्यूमर्स के साथ लांग टर्म रिलेसनशिप कायम की जा सकती है. यहां फीडबैक की फैसिलिटी ज्यादा बेहतर है.
बढ़ रहा क्रेज
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंडिया में दिन पर दिन लोगों पर इंटरनेट का भूत सवार होता जा रहा है, जिससे ऑनलाइन एडवरटाइजिंग का क्रेज काफी बढ़ गया है. इसकी इफेक्टिव पहुंच, असर और कीमत ने बहुत तेजी से एडवरटीजमेंट देने वाली कंपनियों को अपनी ओर अट्रैक्ट किया है. गूगल इंडिया के बिजनेस हेड नरसिम्हा जयकुमार के मुताबिक टेक्नोलॉजी में आए रैपिड चेंजेस के चलते लोगों का ध्यान अब डिजिटल मीडिया की ओर आ रहा है. उन्होंने कहा कि यह एडवरटाइजर्स के लिए एक अलार्म है, ताकि वे इस बड़े प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अपने स्पेशिफिक टारगेट ऑडियंस तक पहुंच सकें. उनके मुताबिक इंटरनेट एडवरटाइजिंग ब्रॉड बैंड के वाइजर यूज और कनेक्टिविटी के इंप्रूवमेंट का इंतजार कर रही है.
यूथ का बड़ा रोल
ऑनलाइन एडवरटाइजिंग एजेंसी कैसर मीडिया के सीईओ हरीश बहल के मुताबिक इंटरनेट एडवरटाइजिंग की ग्रोथ का एक बड़ा कारण इसकी हॉयर एडाप्टबिलिटी और टेक्नोलॉजी में बड़े चेंज के साथ-साथ यूथ द्वारा इससे जुड़ना है जो एडवरटाइजर्स का मनपसंद टारगेट सेगमेंट है. एग्जांपल के तौर पर यूके को ही ले लें, जहां ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट ने प्रिंट मीडिया को इस साल पीछे छोड़ दिया है. इसमें यूथ का बड़ा रोल रहा है. उनके मुताबिक इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में डिजिटल मीडिया इस फील्ड में सभी को पीछे छोड़ देगा.
बेहतर की जंग
दरसल इस समय एडवरटाइजिंग के ट्रेडिशनल मीडियम प्रिंट और टेलीविजन का मुकाबला ऑनलाइन एडवरटाइजिंग से माना जा रहा है. एडवरटाजर्स कई मायनों में डिजिटल मीडियम को प्रिफर कर रहे हैं. इसमें टीवी और प्रिंट के मुकाबले इंट्री लेवल फीस और ग्लोबल रीच का एडवांटेज है, जबकि इसमें रिटर्न ऑफ इनवेस्टमेंट के भी अच्छे चांस हैं. कोका कोला, एयूएल, पेप्सी, हुंडई और आईसीआईसीआई जैसे दुनिया के बड़े कॉपोरेट्स अब ऑनलाइन मीडियम को भी पसंद करने लगे हैं, जो इसकी बढ़ती पहुंच का एक नमूना भर है.
एक्सेप्ट किया सच
हाल ही में फिक्की द्वारा आयोजित मीडिया-इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की समिट के दौरान भी इस सच को एक्सेप्ट किया गया. इस समिट के खत्म होने के बाद जारी रिपोर्ट में साफ किया गया कि ऑनलाइन एडवरटाइजिंग का बाजार तेजी से जगह बना रहा है और अगर इसकी यही तेजी बरकरार रहती है तो यह दूसरे अन्य मीडियम्स को पीछे छोड़ देगा. रिपोर्ट के मुताबिक यह इंडस्ट्री रिवॉल्यूशन बनकर आई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल ऑनलाइन एड पर सबसे ज्यादा खर्च एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस द्वारा किया जा रहा है
एक्सपर्ट्स के मुताबिक ऑनलाइन एडवरटाइजिंग इकलौती ऐसी इंडस्ट्री है, जहां कंज्यूमर्स के साथ लांग टर्म रिलेसनशिप कायम की जा सकती है. यहां फीडबैक की फैसिलिटी ज्यादा बेहतर है.
बढ़ रहा क्रेज
एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंडिया में दिन पर दिन लोगों पर इंटरनेट का भूत सवार होता जा रहा है, जिससे ऑनलाइन एडवरटाइजिंग का क्रेज काफी बढ़ गया है. इसकी इफेक्टिव पहुंच, असर और कीमत ने बहुत तेजी से एडवरटीजमेंट देने वाली कंपनियों को अपनी ओर अट्रैक्ट किया है. गूगल इंडिया के बिजनेस हेड नरसिम्हा जयकुमार के मुताबिक टेक्नोलॉजी में आए रैपिड चेंजेस के चलते लोगों का ध्यान अब डिजिटल मीडिया की ओर आ रहा है. उन्होंने कहा कि यह एडवरटाइजर्स के लिए एक अलार्म है, ताकि वे इस बड़े प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर अपने स्पेशिफिक टारगेट ऑडियंस तक पहुंच सकें. उनके मुताबिक इंटरनेट एडवरटाइजिंग ब्रॉड बैंड के वाइजर यूज और कनेक्टिविटी के इंप्रूवमेंट का इंतजार कर रही है.
यूथ का बड़ा रोल
ऑनलाइन एडवरटाइजिंग एजेंसी कैसर मीडिया के सीईओ हरीश बहल के मुताबिक इंटरनेट एडवरटाइजिंग की ग्रोथ का एक बड़ा कारण इसकी हॉयर एडाप्टबिलिटी और टेक्नोलॉजी में बड़े चेंज के साथ-साथ यूथ द्वारा इससे जुड़ना है जो एडवरटाइजर्स का मनपसंद टारगेट सेगमेंट है. एग्जांपल के तौर पर यूके को ही ले लें, जहां ऑनलाइन एडवरटाइजिंग मार्केट ने प्रिंट मीडिया को इस साल पीछे छोड़ दिया है. इसमें यूथ का बड़ा रोल रहा है. उनके मुताबिक इसमें कोई शक नहीं कि आने वाले समय में डिजिटल मीडिया इस फील्ड में सभी को पीछे छोड़ देगा.
बेहतर की जंग
दरसल इस समय एडवरटाइजिंग के ट्रेडिशनल मीडियम प्रिंट और टेलीविजन का मुकाबला ऑनलाइन एडवरटाइजिंग से माना जा रहा है. एडवरटाजर्स कई मायनों में डिजिटल मीडियम को प्रिफर कर रहे हैं. इसमें टीवी और प्रिंट के मुकाबले इंट्री लेवल फीस और ग्लोबल रीच का एडवांटेज है, जबकि इसमें रिटर्न ऑफ इनवेस्टमेंट के भी अच्छे चांस हैं. कोका कोला, एयूएल, पेप्सी, हुंडई और आईसीआईसीआई जैसे दुनिया के बड़े कॉपोरेट्स अब ऑनलाइन मीडियम को भी पसंद करने लगे हैं, जो इसकी बढ़ती पहुंच का एक नमूना भर है.
एक्सेप्ट किया सच
हाल ही में फिक्की द्वारा आयोजित मीडिया-इंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की समिट के दौरान भी इस सच को एक्सेप्ट किया गया. इस समिट के खत्म होने के बाद जारी रिपोर्ट में साफ किया गया कि ऑनलाइन एडवरटाइजिंग का बाजार तेजी से जगह बना रहा है और अगर इसकी यही तेजी बरकरार रहती है तो यह दूसरे अन्य मीडियम्स को पीछे छोड़ देगा. रिपोर्ट के मुताबिक यह इंडस्ट्री रिवॉल्यूशन बनकर आई है. रिपोर्ट के मुताबिक इस साल ऑनलाइन एड पर सबसे ज्यादा खर्च एजूकेशनल इंस्टीट्यूशंस द्वारा किया जा रहा है
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Reviewed by Brajmohan
on
2:35 AM
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