रोंगटे खड़े कर देने वाला इम्तिहान


Dhaka (29 Sept, Agency):बांग्लादेश के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमातुल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकियों को भी मिशन पर जाने से पहले कड़ा इम्तिहान देना होता है.जेएमबी सुसाइड मिशन पर उन्हें ही भेजा जाता है जो जान देने के लिए तैयार हों और जिन्होंने दीन-दुनिया से खुद को दूर रखा हो. जेएमबी ने 2005 में देशभर में कई बम ब्लास्ट किए थे. रोंगटे खड़े कर देने वाला इम्तिहान न्यूजपेपर द डेली स्टार की एक रिपोर्ट केमुताबिक जेएमबी का मेंबर बनने के लिए टेररिस्ट्स को रोंगटे खड़े कर देने वाला इम्तिहान पास करना होता है. ट्रेनिंग ले रहे टेररिस्ट में खुद को बम से उड़ा देने का दुस्साहस होना चाहिए. जेएमबी अपने संगठन में नए लोगों कीभर्ती तब तक नहीं करता जब तक कि उसे यह यकीन न हो जाए कि कुछ समय बाद वापस लौटने पर वह संगठनको नुकसान नहीं पहुंचाएगा. तीन दिन की special training सुसाइड मिशन पर भेजे जाने से पहले जेएमबी अपनेसदस्यों को जिहाद की खातिर जान देने के लिए प्रेरित करता है. अफसरों की राय में यह छद्म परीक्षा आतंकियों केतीन दिन की स्पेशल ट्रेनिंग का हिस्सा होती है. उस समय टेरस्टि्स को भी पता नहीं होता कि यह महज एक टेस्टहै या वास्तविक मिशन. इस ट्रेनिंग के दौरान इन लोगों की बॉडी में बाम्ब बांध दिए जाते हैं. इसके बाद उनसे यहकहा जाता कि वे मैदान के चक्कर लगाएं साथ ही यह वार्निग भी दी जाती है कि इस 30 मिनट के वॉक के दौरानकिसी भी समय उनका बाम्ब ब्लास्ट कर सकता है. ट्रेनिंग के दौरान टेररिस्ट्स को पूरी तरह से दुनिया से दूर रहनाहोता है. उन्हें सिखाया जाता है कि जिहाद के लिए जिंदगी और परिवार दोयम दर्जे की चीजें हैं. Rickshaw चलानाजरूरी एक खतरनाक टेररिस्ट बनने के लिए सिर्फ बंधूक या बम चलाना ही नहीं बल्कि रिक्शा चलाना भी जरूरीहोता है. संगठन में भर्ती होने वाले नए लोगों को कुछ दिन रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है. दरअसल, ट्रेनर्स कामानना है कि रिक्शा चलाकर टेररिस्ट आम लोगों के टच में रहता है. और सही मौका तलाशकर वारदात को अंजामदे सकता है.

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