देश में तेजी से बढ रहे स्वाइन फ्लू के प्रकोप को रोकने के लिए और इसके उपचार के उपायों को लेकर लोगों में चिंता और बढ गई है। एक अरब आबादी वाले देश में स्वाइन फ्लू की जांच के लिए मात्र 18 केंद्र उपस्थित हैं। करीब १२ से ज्यादा राज्य तो ऎसे हैं जहां इसकी जांच के लिए कोई सुविधा नहीं है। इसके चलते उन राज्यों के मरीजों की जांच का भार भी इन्ही केंद्रौं को ही उठाना पडता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि देश में जांच केंद्रों की कमी का मुख्य कारण प्रशिक्षित स्टाफ की कमी और इनकी सैटअप में आने वाली भारी लागत है। उन्होने कहा कि इसके जांच केंद्रों के उपकरण करोडों की लागत के हैं और इसके सैटअप में कम से कम पांच महीने का समय लगता ही है। दिल्ली में सरकारी अस्पतालों में तीन जांच केंद्र हैं जबकि महाराष्ट्र में ऎसे केवल दो केंद्र हैं। महाराष्ट्र के दो केंद्रों में एक मुंबई एवं दूसरा पुणे में है, जो वर्तमान स्वाइन फ्लू से बुरी तरह प्रभावित है।
वहां एच1एन1 वायरस प्रभावित रोगियों की संख्या 118 हो गई है। इनके अलावा तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश में दो-दो, गुजरात, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में मात्र एक-एक जांच केंद्र हैं।
यह चिंता की बात यह है कि मात्र 37 अस्पतालों एवं 18 जांच केंद्रों के बूते पर सरकार इस महामारी से कैसे निपट पाएगी।
नई दिल्ली, 12 जून। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि भारत स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए पूरी तैयार है। इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। इस बीमारी के महामारी घोषित होने के एक दिन बाद शुक्रवार को आजाद ने संवाददाताओं से कहा, चिंता करने या घबराने की कोई जरूरत नही है। हम राज्य, जिले ौर प्रखंड, हर स्तर पर तैयार हैं। हमारे पास दवाओं का पर्याप्त भंडार है। भारत में स्वाइन फ्लू के अब तक 16 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, देश की जनसंख्या की दृष्टि से स्वाइन फ्लू के मामलों की संख्या मामूली है, यह स्थानीय स्तर पर नहीं पनपी है। सभी मामले बाहर से आए हैं। तैयारियों के बारे में आजाद ने कहा कि 16 और प्रयोगशालाओं को सक्रिय किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू की दवा टैमीफ्लू की दस लाख खुराकें रखी हुई हैं और त्वरित कार्रवाई दल राज्य स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि तेजी से फैल रही स्वाइन फ्लू को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने गुरूवार को महामारी घोषित कर दिया है। यह 74 देशों में अब तक 26,774 लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है और इससे 144 मौतें भी हुई हैं।
नई दिल्ली, 5 मई। दुनिया के कई देशों में आतंक का सबब बनी स्वाइन फ्लू बीमारी का असर अब आप के ई-मेल बॉक्स पर भी पड सकता है। कम्प्यूटर हैकर्स अब इस बीमारी से बचाव के लिए जानकारी भेजने के नाम पर वायरम भेज रहे हैं।
संचार और सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करने वाली साइबर सुरक्षा एजेंसी कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (सीईआरटी) ने कहा है कि स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी देने के नाम पर मेल भेजे जा रहे हैं, जिसमें किसी वेबसाइट का लिंक या कोई फाइल संलग्न हो सकती है। सीईआरटी का कहना है कि यदि आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं या फिर संलग्न फाइल को खोलते हैं, तो इससे आपके कम्प्यूटर को नुकसान पहुंच सकता है। हैकर्स द्वारा भेजे मेल का विषय (सब्जेक्ट लाइन) काफी रोचक होता है, मसलन स्वाइन फ्लू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी या फिर कोई सवाल जो आप पूछना चाहते हैं। इसे पढने के बाद लोग तुरंत मेल को पढने के लिए क्लिक कर देते हैं।
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वहां एच1एन1 वायरस प्रभावित रोगियों की संख्या 118 हो गई है। इनके अलावा तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक एवं हिमाचल प्रदेश में दो-दो, गुजरात, आंध्र प्रदेश, केरल, पंजाब एवं उत्तर प्रदेश में मात्र एक-एक जांच केंद्र हैं।
यह चिंता की बात यह है कि मात्र 37 अस्पतालों एवं 18 जांच केंद्रों के बूते पर सरकार इस महामारी से कैसे निपट पाएगी।
स्वाइन फ्लू से निपटने की भारत की पूरी तैयारी
नई दिल्ली, 12 जून। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि भारत स्वाइन फ्लू से निपटने के लिए पूरी तैयार है। इसे लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। इस बीमारी के महामारी घोषित होने के एक दिन बाद शुक्रवार को आजाद ने संवाददाताओं से कहा, चिंता करने या घबराने की कोई जरूरत नही है। हम राज्य, जिले ौर प्रखंड, हर स्तर पर तैयार हैं। हमारे पास दवाओं का पर्याप्त भंडार है। भारत में स्वाइन फ्लू के अब तक 16 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, देश की जनसंख्या की दृष्टि से स्वाइन फ्लू के मामलों की संख्या मामूली है, यह स्थानीय स्तर पर नहीं पनपी है। सभी मामले बाहर से आए हैं। तैयारियों के बारे में आजाद ने कहा कि 16 और प्रयोगशालाओं को सक्रिय किया जा रहा है। स्वाइन फ्लू की दवा टैमीफ्लू की दस लाख खुराकें रखी हुई हैं और त्वरित कार्रवाई दल राज्य स्तर पर तैयार किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि तेजी से फैल रही स्वाइन फ्लू को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने गुरूवार को महामारी घोषित कर दिया है। यह 74 देशों में अब तक 26,774 लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है और इससे 144 मौतें भी हुई हैं।
कम्प्यूटर वायरस का माघ्यम भी बना स्वाइन फ्लू
नई दिल्ली, 5 मई। दुनिया के कई देशों में आतंक का सबब बनी स्वाइन फ्लू बीमारी का असर अब आप के ई-मेल बॉक्स पर भी पड सकता है। कम्प्यूटर हैकर्स अब इस बीमारी से बचाव के लिए जानकारी भेजने के नाम पर वायरम भेज रहे हैं।
संचार और सूचना व प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन काम करने वाली साइबर सुरक्षा एजेंसी कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पोंस टीम (सीईआरटी) ने कहा है कि स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी देने के नाम पर मेल भेजे जा रहे हैं, जिसमें किसी वेबसाइट का लिंक या कोई फाइल संलग्न हो सकती है। सीईआरटी का कहना है कि यदि आप उस लिंक पर क्लिक करते हैं या फिर संलग्न फाइल को खोलते हैं, तो इससे आपके कम्प्यूटर को नुकसान पहुंच सकता है। हैकर्स द्वारा भेजे मेल का विषय (सब्जेक्ट लाइन) काफी रोचक होता है, मसलन स्वाइन फ्लू के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी या फिर कोई सवाल जो आप पूछना चाहते हैं। इसे पढने के बाद लोग तुरंत मेल को पढने के लिए क्लिक कर देते हैं।
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