WASHINGTON (20 May, Agency): पाकिस्तान का निजाम और हुकूमत तो बेशक बदल गई पर उसका चरित्र और चेहरा आज भी बहुत कुछ वैसा ही है. हालात तमाम पेचीदगियों से भरे पड़े हैं पर फितरत दिखाने से वह बाज नहीं आ रहा है. उसकी हरकतें इस बात की तस्दीक करती हैं और सुबूत इस पर मुहर लगाते हैं.
सनसनीखेज खुलासा
दरअसल सेटेलाइट से ली गई ताजा तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान प्लूटोनियम उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है. इसके पीछे उसका मकसद है अपने न्यूक्लियर वेपंस की संख्या में इजाफा करना. इस बीच, उसके मौजूदा न्यूक्लियर वेपंस की सेफ्टी को लेकर भी बहस जारी है.
नया खतरा
यह खुलासा किसी ऐसी-वैसी संस्था ने नहीं किया है. अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्यूरिटी (आईएसआईएस) ने सेटेलाइट से ली गई ये तस्वीरें बुधवार को जारी कीं. इनसे पता चलता है कि पाकिस्तान ने रावलपिंडी और उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत के डेरा गाजी खान में नए न्यूक्लियर वेपंस बनाने के लिए ठिकाने विकसित किए हैं. यहां प्लूटोनियम से चलने वाले दो न्यूक्लियर प्लांट बनाने के लिए काम चल रहा है. इससे पहले अमेरिकी आर्मी चीफ एडमिरल माइक मुलेन भी कांग्रेस को गुप्त बैठक में बता चुके हैं कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर वेपंस की संख्या कई गुना बढ़ाने की तैयारी में है. फिलहाल यह संख्या 60-100 के बीच बताई जाती है.
विचित्र हालात
पेंटागन का यह बयान आने से एक दिन पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के महानिदेशक एल. पेनेटा ने कहा था कि अमेरिका को मालूम नहीं है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार कहां रखे हैं. पर रक्षा मंत्रालय के स्पोक्समैन जी.
मोरेल ने रेगुलर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी आर्मी द्वारा सुनिश्चित प्रोटोकाल संतोषजनक है. फिर भी अगर तालिबान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा करने की कोशिश करता है तो हम उनसे भी लड़ेंगे.इन सबके बीच अमेरिका की फॉरेन मिनिस्टर हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि पूरे पाकिस्तान में अब तालिबान के खिलाफ सोच बन गई है और सरकार भी इसे सबसे बड़ा खतरा समझ चुकी है. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान को मेहरबानी की एक और खेप, दस करोड़ डॉलर की मानवीय सहायता भी दे डाली. यह सहायता स्वात घाटी में टेररिस्ट के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान से विस्थापित हुए करीब 20 लाख लोगों के लिए है.
हिलेरी फेवर में
हिलेरी ने पाक के पक्ष में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तानी हुक्मरान मुश्किल लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी मुश्किल को किसी को कम करके नहीं आंकना चाहिए. पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी नीति में बदलाव की बात करते हुए हिलेरी ने कहा कि 30 सालों से हमारे संबंध असंगत रहे हैं. ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन इसे तर्कसंगत बनाने के लिए इसमें सकारात्मक बदलाव कर रहा है.
सनसनीखेज खुलासा
दरअसल सेटेलाइट से ली गई ताजा तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान प्लूटोनियम उत्पादन की अपनी क्षमता बढ़ा रहा है. इसके पीछे उसका मकसद है अपने न्यूक्लियर वेपंस की संख्या में इजाफा करना. इस बीच, उसके मौजूदा न्यूक्लियर वेपंस की सेफ्टी को लेकर भी बहस जारी है.
नया खतरा
यह खुलासा किसी ऐसी-वैसी संस्था ने नहीं किया है. अमेरिका के इंस्टीट्यूट फॉर साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्यूरिटी (आईएसआईएस) ने सेटेलाइट से ली गई ये तस्वीरें बुधवार को जारी कीं. इनसे पता चलता है कि पाकिस्तान ने रावलपिंडी और उत्तर पश्चिम सीमांत प्रांत के डेरा गाजी खान में नए न्यूक्लियर वेपंस बनाने के लिए ठिकाने विकसित किए हैं. यहां प्लूटोनियम से चलने वाले दो न्यूक्लियर प्लांट बनाने के लिए काम चल रहा है. इससे पहले अमेरिकी आर्मी चीफ एडमिरल माइक मुलेन भी कांग्रेस को गुप्त बैठक में बता चुके हैं कि पाकिस्तान अपने न्यूक्लियर वेपंस की संख्या कई गुना बढ़ाने की तैयारी में है. फिलहाल यह संख्या 60-100 के बीच बताई जाती है.
विचित्र हालात
पेंटागन का यह बयान आने से एक दिन पहले ही अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के महानिदेशक एल. पेनेटा ने कहा था कि अमेरिका को मालूम नहीं है कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु हथियार कहां रखे हैं. पर रक्षा मंत्रालय के स्पोक्समैन जी.
मोरेल ने रेगुलर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी आर्मी द्वारा सुनिश्चित प्रोटोकाल संतोषजनक है. फिर भी अगर तालिबान पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर कब्जा करने की कोशिश करता है तो हम उनसे भी लड़ेंगे.इन सबके बीच अमेरिका की फॉरेन मिनिस्टर हिलेरी क्लिंटन ने कहा है कि पूरे पाकिस्तान में अब तालिबान के खिलाफ सोच बन गई है और सरकार भी इसे सबसे बड़ा खतरा समझ चुकी है. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान को मेहरबानी की एक और खेप, दस करोड़ डॉलर की मानवीय सहायता भी दे डाली. यह सहायता स्वात घाटी में टेररिस्ट के खिलाफ चलाए गए सैन्य अभियान से विस्थापित हुए करीब 20 लाख लोगों के लिए है.
हिलेरी फेवर में
हिलेरी ने पाक के पक्ष में बोलते हुए कहा कि पाकिस्तानी हुक्मरान मुश्किल लड़ाई लड़ रहे हैं और उनकी मुश्किल को किसी को कम करके नहीं आंकना चाहिए. पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी नीति में बदलाव की बात करते हुए हिलेरी ने कहा कि 30 सालों से हमारे संबंध असंगत रहे हैं. ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन इसे तर्कसंगत बनाने के लिए इसमें सकारात्मक बदलाव कर रहा है.
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