धुरंधर दुश्मन बॉर्डर पर नहीं, देश के अंदर है

 


काफी टाइम पहले एक फिल्म आई थी जिसका नाम था शौर्य। इसी फिल्म के अंदर कोर्ट मार्शल से पहले ब्रिगेडियर प्रताप ने कुछ ऐसा कहा था दुश्मन सिर्फ बॉर्डर के उस पार नहीं होता। घर के अंदर भी होता है। लेकिन इस फिल्म के अंदर ब्रिगेडियर प्रताप को एक विलेन की तरह दिखाया गया था। हो भी क्यों ना क्योंकि उस समय पर बॉलीवुड के अंदर इस प्रकार के जितने भी पेट्रियोटिक लोग होते थे उन सबको ही विलेन के तौर पर दिखाया जाता था। इसके बाद में कराची वुड ने पूरा का पूरा स्पाई यूनिवर्स बनाने का भी प्रयास किया। और जानते हैं इस पूरे के पूरे स्पाई यूनिवर्स में क्या था? काल्पनिक कहानियां और उन काल्पनिक कहानियों के बीच में क्या होता था? आईएसआई की एक महिला एजेंट हुआ करती थी जो यहां के मुस्लिम एक्टर्स के साथ में काम करती थी। हिंदुस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान की भी बेस्ट से बेस्ट छवि बनाने की कोशिश की जाती थी। इस पर मैं पहले बात कर चुका हूं। चाहे वह फैंटम हो, फना हो, चाहे फिर सलमान खान की टाइगर जिंदा है और उसकी पूरी सीरीज हो या फिर पठान और उसके आने वाली सीरीज हो या फिर वॉर और उसकी आने वाली सीरीज हो। इन सबके अंदर पाकिस्तान की अच्छी छवि दिखाईजा रही थी। लेकिन ये सारी की सारी फिल्में सच्चाई से कोसों दूर थी। इनका सच्चाई से वास्तव में कोई लेना देना नहीं है। ब्रिगेडियर प्रताप को लोगों का प्यार तो मिला लेकिन बॉलीवुड लगातार उनसे कन्नी काटता रहा। लेकिन ब्रिगेडियर अपनी आने वाली सभी वेब सीरीज में उसी प्रकार का परफॉर्मेंस जारी रखते हैं। आप ही को वो सलमान एक माइनॉरिटी का हमारी बेटियों को बाहर ले जाके शादी का बतादर देखिए इसको सुन जी सर मेरा एक ऑपरेशन चल रहा है यूरोप में एक अकाउंट नंबर भेजता हूं उसमें कुछ पैसे डाल देना ठीक है कितने डालें सब जितना होता है सब उतना डाल देना और अब बॉलीवुड के अंदर वो ताकत है कि वो ब्रिगेडर प्रताप के ही एक्सटेंडेड वर्जन को दिखा सके वैसे केवल ब्रिगेडर प्रताप की ही बात नहीं फौज ने, आर्मी ने, जितनी भी खुफिया एजेंसी है उन सब ने भी यह बात मानी है कि देश के अंदर भी एक पूरा का पूरा मोर्चा काम करता है जो पाकिस्तान, चीन या जितने भी हमारे दुश्मन देश हैं उनसे ज्यादा खतरनाक है। सो फाइनली इफ आई लुक एट दैट इंडिया इज़ फेसिंग अ टू एंड हाफ फ्रंट एंड इफ इट इज़ फेसिंग द लैंड बॉर्डर्स देन कीपिंग इन वि द साइकी ऑफ द पीपल इन इंडिया टुडे। और पता है आपको जनरल बिपिन रावत साहब क्याकहते थे इस बारे में? वो कह देते हमारा देश ढाई मोर्चे पर लड़ रहा है। जिसमें कि आधा मोर्चा हमारे देश के अंदर है। अगर आप इस आधे मोर्चे को पूरी तरीके से एक्सपोज होते हुए देखना चाहते हैं तो आप मेरी पुस्तक ढाई मोर्चे का चक्रव्यूह अवश्य लें। मैं फ्री डिलीवरी और एक पुस्तक अपनी फ्री में इसके साथ दे रहा हूं। भारत के प्रथम सीडीएस बिपिन रावत जी ने तो यह बात खुले मंच से कही थी और वही हूबहू चीज कही गई है धुरंधर फिल्म के अंदर। जहां पर अजीत डोभाल जी का रोल अदा करने वाले आर माधवन स्पष्ट तौर पर कहते हैं कि हिंदुस्तान कासबसे बड़ा दुश्मन हिंदुस्तान के अंदर ही रहता है। पाकिस्तान तो दूसरे नंबर पर आता है। तो फिल्म धुरंधर कैसी है? वास्तव में एकदम धुआंधार है [संगीत] और इस फिल्म की धार इतनी तेज है कि ये अपनी धारधार से ही देश के अंदर बैठे हुए दुश्मनों के तशरीफों के अंदर से धुआं निकाल सकती है। 


केआरके ने जब से ये फिल्म रिलीज हुई है तब से लगातार मोर्चा संभाला हुआ है। भला हो भी क्यों ना क्योंकि उसके असली अब्बा जान पाकिस्तान की मां बहन जो इस फिल्म के अंदर कर दी गई है। उसकी वो हालत दिखाई गई है जो असल में है और पाकिस्तान के रहनुमा जो हिंदुस्तान के अंदर बैठे हुए उसके हसीन सपने देखते हैं उन सबके ऊपर भी वास्तव में धार मारने का काम यह धुआंधार फिल्म करती है। अगर इस फिल्म की कहानी को देखा जाए तो यह बहुत सारी रियल इंसिडेंस रियल स्टोरीज से इंस्पायर्ड है। स्टार्टिंग में ही कह दिया गया है। दूसरी चीज मैं आपको बता दूं कि इसके खिलाफ जितना भी प्रोपेगेंडा चल रहा है कि कहा जा रहा है कि यह तो मोहित शर्मा के जीवन के ऊपर आधारित है। मोहित शर्मा की फैमिली इस पर ऑफेंड हो गई थी। कुछ लोगों ने कहा कि अरे फिल्म तो स्पैम है। हमारे भाई मोहित शर्मा के ऊपर ये फिल्म बना दी गई है। देखो भाई मोहित शर्मा जी का पूरा देश सम्मान करता है। लेकिन मोहित शर्मा जी के जो ऑपरेशन थे उनसे इसका कोई लेना देना भी नहीं है। यह कहानी है उस लायरी की जो पाकिस्तान के अंदर एक अलग से इंडिपेंडेंट नेशन घोषित कर दिया गया था और उसका सरगना था रहमान डकैत। अगर यहां पर हम अक्षय खन्ना और रहमान डकैत की फोटोस का मिलान करते हैं तो हूबहू वैसा ही कुछ लिया गया है। यही नहीं असलम यानी कि संजय दत्त हो या फिर अर्जुन रामपाल का रोल हो। सभी की शक्लें पूरी तरीके से मैच करने का प्रयास किया गया है। जिस प्रकार से पाकिस्तान के अंदर सरकमस्टैंसेस थे। जिस प्रकार से रहमान डकैत की पारिवारिक संरचना थी। जिस प्रकार से उसने अब्बा अपने अम्मी सबको जान से मार दिया था। वो सारी की सारी कहानियां यहां पर दिखाई गई हैं। अर्जुन रामपाल का रोल तो कुछ इस प्रकार से है कि वो व्यक्ति जिसने हिंदुस्तानी फौजी का सर काट करके अपने देश की सरकार तक को सौंप दिया था। वो व्यक्ति जिसके संबंध ओसामा बिन लादेन से बहुत नजदीकी थे। ऐसे व्यक्ति को भी बहुत अच्छे तरीके से पोट्रे किया गया है। फिल्म जब खत्म हो जाती है और आप अपनी घड़ी में टाइम देखते हैं जब आपको पता लगता है कि 3 घंटे 32 मिनट करीब की ये फिल्म थी। लेकिन जब आप फिल्म को देख रहे होते हैं तब आपको बिल्कुल भी नहीं पता लगता कि फिल्म इतनी लंबी जा चुकी है। कारण है कि केवल एक फिल्म नहीं है। इसके अंदर काफी सारी कहानियां हैं। एक कहानी है पाकिस्तान की कहानी। वहां के अंदरूनी कल्चर की कहानी। वहां के अंदरूनी लड़ाई की कहानी। वहां रहने वाले पश्तूनों और सिंधियों के आपस की लड़ाई। वहां के पॉलिटिशियंस की आपसी लड़ाई। फिर दूसरी कहानी वो है जिसमें रणवीर सिंह एग्जिस्ट करता है। तीसरी कहानी वो है जहां पर आर माधवन एंट्री करते हैं और उनकी वर्षों पहले चलाई गई एक प्लानिंग जो चल रही थी उसके हमें दर्शन होते हैं। फिर एक कहानी है रणवीर सिंह का पास्ट जिसको इस फिल्म के अंदर रोक दिया गया है और संभवत यह जो हिस्सा है वह दिखाया जाएगा इसके पार्ट टू में जो कि मार्च में आने वाला है। एक कहानी अलग है वो है केवल और केवल फेक करेंसी की। फेक करेंसी वाला चैप्टर आपके दिमाग में बहुत सारे क्वेश्चंस छोड़ जाएगा। कौन थे वो भारतीय राजनीतिज्ञ जिन्होंने भारत के 500 और हजार के नोट छापने वाली मशीन उसका पेपर उसकी जो डाई होती है जिससे कि नोट छापता है इन सब की डीलिंग की थी। कौन थे वो लोग जिन्होंने भारत को धोखा दिया? कौन थे वो राजनीतिक लोग जिन्होंने भारत को बेचने का कार्य किया था और कौन है वो आबादी जो हिंदुस्तान का खाती है लेकिन पाकिस्तान का गाती है| कौन है वो गद्दार जो हिंदुस्तान में रहकर के भी पाकिस्तान का साथ देते हैं| ऐसी दर्जन भर कहानियां हैं जिसमें मैंने एक कहानी अभी छोड़ दी है वो अभी आने वाले समय में पूरी होगी और वो कहानी है रणवीर सिंह की लव स्टोरी जिस समय पर मैंने इसमें लड़की की ऐज देखी थी और हाइट देखी थी दोनों की तो मैच ही नहीं हो रही थी तो मुझे लगा कि भाई ऐसी क्या मजबूरी है कि तुमने भाई इतनी छोटी उम्र की लड़की को इतने बड़े हीरो के साथ लिया है? तो जब हम फिल्म को देखते हैं, जब हम कहानी को देखते हैं तो तो हमें पता लगता है कि यह कहानी इस प्रकार की क्यों है? और यहां पर रणवीर सिंह यानी कि फिल्म के अंदर बने हुए हमजा ने इस लड़की को ही क्यों पकड़ा? और जो इस लड़की का मिजाज है वह ऐसा क्यों है? अब मैं बात करता हूं इसके एक्शन की जिसको कि काफी लोगों ने सराहा भी है और काफी लोगों ने कहा कि नहीं काफी ब्रेक्स के बाद में है। 


जैसा हम इसका टीजर और ट्रेलर देख चुके हैं उसमें लगता है भाई भयंकर मारतोड़ है। लेकिन ट्रेलर के अंदर जो कुछ सीन हैं वोइसके पार्ट टू के हैं। एक बार को तो जब फिल्म स्टार्ट हुई और जब आया लिखा हुआ चैप्टर वन तो मैंने सिर में हाथ मारा यार यह तो पार्ट वन ही है। यानी कि इसका तो पार्ट टू भी आएगा। का ये तो पहला ही पार्ट है जैसे कि बाहुबली वन थी। लेकिन जब चैप्टर टू आया थोड़ी देर के बाद में थ्री फोर मैं समझ गया कि भाई यह फिल्म के अंदर ऐसे चैप्टर्स हैं जैसे वेब सीरीज के अलग-अलग चैप्टर होते हैं। लेकिन जब फिल्म खत्म होती है और आता है कि टू बी कंटिन्यूड और आता है कि भाई 19 मार्च को सेकंड पार्ट आएगा तब जाकर के खुशी हुई कि हां भाई 2 साल 3 साल इसके लिए वेट नहीं करना पड़ेगा बाहुबली केजीएफ और पुष्पा आदि की तरह। यानी कि इन्होंने यह दोनों के दोनों पार्ट जो है ना वह एक साथ बनाए और जो ट्रेलर हमने देखा है उसमें 10 15% कुछ ऐसे सीन भी हैं जो कि पार्ट टू के हैं। तो कुछ लोगों ने कहा नहीं काफी गैप्स के बाद में एक्शन सीन है और वो इस फिल्म को थोड़ा सा ढीला कर देते हैं। तो मैं कहना चाहता हूं कि जो ट्रू इवेंट्स पर बेस्ड फिल्म होती हैं उनके अंदर फिल्म का बिल्ड अप होना बहुत जरूरी है। कौन किसको क्यों मार रहा है और मारना ही जरूरी थोड़ा ही ना होता है भाई स्ट्रेटजी भी होती है। और कई जगह पर हम ये देखते हैं कि जहां हमारा हीरो है वो टूटता भी है। उसको बुरा भी लगता है कि जो वो कर रहा है और ना चाहते हुए भी उसको वो करना पड़ रहा है। जैसे कि ताज होटल के ऊपर जो हमला होता है उसमें कहीं ना कहीं जब रणवीर सिंह अपने आप को जिम्मेदार मानता है। वो सीन बहुत जबरदस्त हो जाता है जब उसके जीवन के अंदर एक मानसिक भूचाल पैदा हो जाता है। वो सीन देखने लायक है। तो यह सारी की सारी फिल्म की डिमांड होती है। कहानी की डिमांड होती है। उसी आधार पर इसको रन किया गया है। और जो एक्शन सीक्वेंसेस है वह वाकई में खतरनाक है। वह बहुत भयानक है। वो बहुत भयंकर हैं। एक और बहुत बड़ी बात कि लोग जो है इसकी कंपैरिजन एनिमल से कर रहे हैं। तो मैं आपको बता दूं कि देखो भाई एनिमल जो है वो एकदम काल्पनिक कहानी है और उसमें डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, राइटर इन सब की मिलीभगत होती है कि हमको कहानी को किस पेस पर ले जाना है और वो कहानी केवल पारिवारिक कहानी थी। उसमें आप जितना बढ़-चढ़कर के दिखा सकते थे आप दिखा सकते थे। लेकिन ये कहानी ऐसी है जिसमें कि कैरेक्टर्स तक के फेस भी मैच किए गए हैं। तो कहानी क्यों नहीं मैच की गई होगी? आप मुझे बताइएगा। आप मुझे बताइएगा कि जहां पर संसद हमले के एक्चुअल फुटेज दिखाए गए हो। जहां पर ताज होटल के अंदर जिस समय पर हमला हो रहा था और बाहर खड़ी हुई बरखादत्त लाइव दिखा रही थी। वही लाइव पाकिस्तान में बैठे हुए जो आतंकवादी थे, जो हैंडलर्स थे, सेटेलाइट फोन के द्वारा अंदर गोलीबारी कर रहे जो आतंकवादी थे, उनको दिशा निर्देश दे रहे थे और वो सारा का सारा जो ऑडियो था वो पूरा का पूरा इस फिल्म के अंदर बकायदा दिखाया गया है। ओरिजिनल फुटेज दिखाए गए हैं। तो ये जो फिल्म है वो ओरिजिनल इंसिडेंस के ऊपर रख कर के बनाई गई है ना कि एनिमल की तरह ये कहानी दिखाई गई है। अब कुछ लोग कह रहे हैं कि देखो इसमें रणवीर सिंह का जो गेटअप है जो उसका लुक है वो तो एनिमल के रणवीर कपूर से मिलता जुलता है। तो मैं कहूंगा कि नहीं उसका जो गेटअप है वो बिल्कुल अलग है। उसके बाल एकदम अलग है। उसकी दाढ़ी मूछ एकदम अलग है। और उसका पहनावा एकदम अलग है। उसका एटीट्यूड एकदम अलग है। उसकी ड्यूटी एकदम अलग है। हां, जब उसके चेहरे के ऊपर खून सना हुआ लगा हुआ होगा ना, तब आपको कहीं ना कहीं वो खिलजी वाली थोड़ी सी वो झलक आपको दिख सकती है कि जितना वो खिलजी के अंदर खूंखार लगा था। क्योंकि वहां पर भी उसका इस्लामिक अटायर होता है। यहां पर भी हमजा के रूप में उसने इस्लामिक अटायर पहना हुआ है। तो आप खिलजी की झलक तो उसमें पा सकते हैं लेकिन मुझे कहीं पर भी वह एनिमल के रणबीर कपूर जैसा चॉकलेटी बॉय तो नहीं लगा है। जहां पर भी दिखाए हमजा खतरनाक ही दिखा है। और इस फिल्म को देखने के बाद में मुझे वास्तव में लगा कि यार रणवीर सिंह तू थोड़ा पढ़ लिख लिया होता ना और थोड़ा सा तूने भारतीय जो कल्चर है या जो खासतौर पर जो साउथ में कल्चर है अगर उसको तूने थोड़ा सा भी रिस्पेक्ट के साथ में पढ़ा होता तो तू उलजूल हरकतें ना कर रहा होता और जो बैकलैश मिला है इसको फर्स्ट डे किस कारण से वही जो उसने कंतारा के ऊपर जो गंदा काम किया उसके कारण से जो मिला है उसके कारण से काफी यह फिल्म जो ओपनिंग इसकी हो सकती थी उससे यह डाउन गई है। यार जहां खटारा मूवी वॉर टू टाइप की यह फिल्में केवल बाईसेप्स के आधार पर 50-50 करोड़ की ओपनिंग कर लेती हैं। वहां पर इसको केवल 30 करोड़ की ओपनिंग मिली है। तो यह बड़ी हो सकती थी। अब जैसे कि फिल्म को देख रहे हैं लोग और मैं भी चाहता हूं कि स्टेज पर खड़े हुए रणवीर को देखना और फिल्म के अंदर एक्ट करते हुए रणवीर को देखना बिल्कुल अलग है। सेपरेट है। 


फिल्म अपनी अलग जगह पर है और फिल्म के अंदर जो काम किया है लोगों ने वो काम बोलता है। और उससे भी बड़ी बात क्या है कि जो डायरेक्टर है ना वो उरी वाला डायरेक्टर आदित्य धर है। यामी गौतम का पति है। इस व्यक्ति ने इस फिल्म के अंदर बहुत जान फूंकी है। देखो आपने नाम सुना होगा भाई संदीप रेड्डी वांगा है। फिर नील है, फिर राजामौली है, करण जौहर है या फिर कहीं-कहीं पर भंसाली का भी नाम लिया जाता है। उस तरीके के डायरेक्टर अलग हैं। लेकिन आदित्य नई उम्र का लड़का है। पेट्रियोटिक फिल्म बनाता है। रियल जितने भी इवेंट्स हुए हैं उनके ऊपर फिल्म बना रहा है। तो इसको सपोर्ट होना चाहिए। फिल्म बहुत जबरदस्त है। उसको सबको देखना चाहिए। फिल्म के बारे में जितनी बात करें उतनी कम है। 3 घंटे की फिल्म है और मैं हर एक आस्पेक्ट पर बात करूंगा तो 1 घंटा निकल जाएगा। लेकिन मेरे इस पूरे के पूरे वीडियो का सार यह है कि फिल्म एकदम अल्टीमेट है। अपने पूरे के पूरे निश में जबरदस्त और यूनिक है। हम सबको देखनी चाहिए। एक चीज एक सवाल जिसके ऊपर मैं जरूर बात करना चाहूंगा कि फिल्म के अंदर अक्षय खन्ना की एक्टिंग कैसी है? तो मैं कहूंगा भाई लिटरली यह बंदा ना रणवीर सिंह को खा गया है। ये ना मतलब आपने देखा होगा कि ये एक तरफ से मुंह बंद करता है और दूसरी तरफ से बोलता है वो मुंह भी ना इतना ज्यादा खुलता है उसका उसी में बोला है लेकिन जहां पे बोला है खतरनाक बोला है। ब्रह्मांड डके की दी हुई मौत बड़ी कसाईनुमा होती है। रणवीर सिंह कहीं-कहीं ऐसे सीन आते हैं कि आप देखते रह जाओगे उसको। लेकिन भाई सलमान खान की अपनी खुद की प्रोडक्शन की फिल्म के अंदर सलमान खान की इतनी बार एंट्री नहीं होती जितनी बार अक्षय खन्ना की इस फिल्म के अंदर एंट्री हुई है और हर बार उसकी एंट्री पिछले लेवल से जबरदस्त हुई है। तो यह बंदा ना जब से मुझे लग रहा है कि जब से मैंने इसको दृश्यम में देखा है उसके बाद से मैंने इसको छावा में देखा है। मैं समझ गया था कि यह हीरो को खा लेने वाला आदमी है। यह दृश्य में गंजा आया था। हम छावा में बिल्कुल बूढ़ा बन के आया था और इसमें यह जवान बन करके आया है और यह किसी भी रूप में आ जाए सच्ची में यह भाई साहब एक्टर देखने का मन नहीं करता आपको मन करता है कि यहां पर यही बंदा चलता रहे पूरा नेगेटिव छवि है खतरनाक छवि है लेकिन आपको लगेगा भाई संजय दत्त को पेल दिया उसने फिल्म के अंदर और क्या चाहिए आपको और जब मरता है तो आपको लगेगा कि यार हमजा तूने धोखा दे दिया इस बढ़िया आदमी को धोखा दे दिया जो तेरे लिए इतना बड़ा काम कर रहा था। हां, यह जरूर है कि यह बात आपके दिमाग के अंदर कुछ माइक्रो सेकंड्स के लिए आएगी। मैं आपको पहले ही बता दे रहा हूं। बाद में आपको लगेगा साला बढ़िया हुआ मारा गया और अच्छा हुआ कि इसी मौत मारा गया। क्योंकि ये सारी की सारी जो प्लानिंग है, जो पूरा का पूरा ब्लूप्रिंट बनाया गया है, जो पूरी की पूरी स्ट्रेटजी तैयार की गई है, वो हूबहू वही चल रही है जो उनके जैसे बहुत सारे ऐसे ही गुमनाम सिपाहियों ने तैयार की थी। लेकिन एक्टिंग के दम पर अक्षय खन्ना ने इस फिल्म के अंदर अपना लोहा मनवा लिया है। तो यह फिल्म तो आउटस्टैंडिंग है। जबरदस्त है। आप सभी को देखनी चाहिए। बॉलीवुड में बहुत लंबे समय के बाद में ऐसी अच्छी फिल्म आई है। एक-दो चीजें हैं जो आपको थोड़ी सी चुभेंगी फिल्म देखते हुए। जैसे एक जगह पर दम मारो दम गाना चल जाता है बीच में ही। वो थोड़ा सा आपको लगेगा क्योंकि उस गाने की छवि कुछ और बना दी गई और थी कुछ और। लेकिन ये सब चीजें आपके दिमाग में आती भी नहीं अगर मैं आपको ना बताता तो। आप इस फिल्म को जरूर देखिएगा और जिन्होंने देख ली है वो नीचे कमेंट करके जरूर बताइएगा कि उनको ये फिल्म कैसी लगी। किन-किन पॉइंट पर आपको अच्छी लगी और सच में रणवीर और अक्षय खन्ना में आपको सबसे बेस्ट कौन सा लगा। 

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