हालिया कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में रोबोट की बढ़ती दखलंदाजी को मात देने के लिए अब गूगल ने तैयारी कर ली है। इन स्वचालित मशीनों के इंसानो पर हावी होने से रोकने के लिए गूगल इन दिनों किल स्िवच टेक्नोलॉजी का अविष्कार कर रहा है। गूगल का दावा है कि उसकी इस टेक्निक से रोबोट इंसानी दुनिया में टर्मिनेटर बनकर तबाही नही मचा सकेंगे।
लोगों को राहत
दुनिया की सबसे बड़ी वेब सर्चिंग कंपनी गूगल इन दिनों अपनी नई टेक्निक किल स्िवच पर काफी तेजी से काम कर रही है। उसकी इस तकनीकि से स्वचालित मशीनों यानी कि रोबोट पर स्टॉप लग सकेगा। रोबोट के तेजी से होते विस्तार को लेकर अब तक कई वैज्ञानिकों ने लोगों को एलर्ट किया है। इस संबंध में तकनीकि विशेषज्ञ इलोन मस्क और प्रोफेसर स्टेफन हॉकिंग का कहना है कि आने वाले वर्षों रोबोट बड़ी संख्या में लोगों के बीच मिलेंगे। जिससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि रोबोट एक टर्मिनेटर बनकर तबाही मचाएगा। यह इंसानों और आज की फास्ट ट्रैक मशीनों के बीच एक बड़ी जंग होगी। ऐसे में गूगल ने इस दिशा में एक अनोखी पहल की है। वह अब इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रह है कि जिससे इंसानी जीवन पर रोबोट को हावी होने पर लगाम लगाया जा सके।
जल्द ही आएगा
इस दिशा में गूगल का मानना है कि इसके लिए इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से ही खोज की जाएगी। गूगल सर्च इंजन कंपनी ने एक कागज पर इसकी पूरी भूमिका बनाई है। इसके बाद ब्रिटिश में बैठी अपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की डीप माइंड टीम इस दिशा में डिस्कशन भी किया है कैसे इन मशीनों के दिमाग को इंसानी दिमाग जैसा काम करने से रोका जा सके। इसके बाद इस विषय को गंभीरता से लेते हुए डीप माइंड टीम इस तकनीकि का अविष्कार कर रही है कि कैसे रोबोट के दिमाग में रॉ मैटेरियल भरकर उसे कुछ भी सीखने न दिया जाए। गूगल की सुपर इंटेलीजेंस मशीन द्वारा इस दिशा में परीक्षण भी जारी है। वहीं इस दिशा में वेब सर्चिंग कंपनी गूगल का कहना है कि रोबोट के साथ यह करना पूरी तरह से सुरक्षित होगा। इससे लोगों को नुकसान नहीं होगा। इसके साथ ही यह गूगल की एक बड़ी उपलब्धि होगी।
दुनिया की सबसे बड़ी वेब सर्चिंग कंपनी गूगल इन दिनों अपनी नई टेक्निक किल स्िवच पर काफी तेजी से काम कर रही है। उसकी इस तकनीकि से स्वचालित मशीनों यानी कि रोबोट पर स्टॉप लग सकेगा। रोबोट के तेजी से होते विस्तार को लेकर अब तक कई वैज्ञानिकों ने लोगों को एलर्ट किया है। इस संबंध में तकनीकि विशेषज्ञ इलोन मस्क और प्रोफेसर स्टेफन हॉकिंग का कहना है कि आने वाले वर्षों रोबोट बड़ी संख्या में लोगों के बीच मिलेंगे। जिससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि रोबोट एक टर्मिनेटर बनकर तबाही मचाएगा। यह इंसानों और आज की फास्ट ट्रैक मशीनों के बीच एक बड़ी जंग होगी। ऐसे में गूगल ने इस दिशा में एक अनोखी पहल की है। वह अब इस दिशा में काफी तेजी से काम कर रह है कि जिससे इंसानी जीवन पर रोबोट को हावी होने पर लगाम लगाया जा सके।
जल्द ही आएगा
इस दिशा में गूगल का मानना है कि इसके लिए इस आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) से ही खोज की जाएगी। गूगल सर्च इंजन कंपनी ने एक कागज पर इसकी पूरी भूमिका बनाई है। इसके बाद ब्रिटिश में बैठी अपनी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की डीप माइंड टीम इस दिशा में डिस्कशन भी किया है कैसे इन मशीनों के दिमाग को इंसानी दिमाग जैसा काम करने से रोका जा सके। इसके बाद इस विषय को गंभीरता से लेते हुए डीप माइंड टीम इस तकनीकि का अविष्कार कर रही है कि कैसे रोबोट के दिमाग में रॉ मैटेरियल भरकर उसे कुछ भी सीखने न दिया जाए। गूगल की सुपर इंटेलीजेंस मशीन द्वारा इस दिशा में परीक्षण भी जारी है। वहीं इस दिशा में वेब सर्चिंग कंपनी गूगल का कहना है कि रोबोट के साथ यह करना पूरी तरह से सुरक्षित होगा। इससे लोगों को नुकसान नहीं होगा। इसके साथ ही यह गूगल की एक बड़ी उपलब्धि होगी।
गूगल बना रहा 'kill switch' ताकि टर्मिनेटर बनकर तबाही न मचा सकें robot
Reviewed by Brajmohan
on
11:41 AM
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