Leadership ,1,quality
कॉलेजेस में अलग-अलग प्रोग्राम और एक्टिविटीज के लिए डिफरेंट ग्रुप होते हैं, जिन्हें आप लीड कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप किसी इवेंट को कॉलेज में शुरू करते हैं तो आपको इसका एडवांटेज मिलेगा.
How It Works:
अपने पोर्टफोलियो में वो सारे इनीशिएटिव्स मेंशन करें जो आपने लिए हों. कोई इवेंट आपने ऑर्गनाइज कराया हो, या टीम वर्किंग वाली किसी भी तरह की एक्टिविटी में पार्ट लिया हो. इम्प्लॉयर एक प्रोफेशनल कैंडिडेट में लीडरशिप क्वॉलिटी चाहते हैं.
Social Initiative
आपके कॉलेज में अगर कोई ऐसा स्टूडेंट ग्रुप है जो सोशल इनीशिएटिव्स लेता है तो आप उससे जुड़ सकते हैं. ज्यादातर कॉलेजेस में स्टूडेंट्स छोटे-छोटे ग्रुप्स बनाकर स्टूडेंट्स को पढ़ाने, अंडरप्रिविलेज्ड लोगों को गाइड करने जैसे इनीशिएटिव्स लेते हैं. ये इनीशिएटिव्स आपका कंसर्न शो करते हैं.
How it works:
एक मैनेजमेंट कॉलेज से एमबीए कर रहे महेश मिश्रा कहते हैं, ऐसे इनीशिएटिव्स साबित करते हैं कि आप सिर्फ अपने डिपार्टमेंट तक सीमित नहीं रहते बल्कि दूसरे लोगों के लिए भी कंसर्न रहते हैं. आपकी सोशल इनीशिएटिव्स को कम्पनी जरूर नोटिस करेंगी.
Multitasking:
कम्पनीज ऐसे एम्प्लॉइज ढूंढ़ती हैं जो स्ट्रेस में भी अच्छा काम करें. ऐसे में आपका शेड्यूल एकेडमिक्स के साथ ही एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज, कल्चरल इवेंट्स, और दूसरे इनीशिएटिव्स का कांबिनेशन होना चाहिए. इससे रिस्पांसिबिलिटीज मैनेज करना, और स्ट्रेस मैनेजमेंट भी आता है.
How It Works:
एचसीएल में सॉफ्टवेयर इंजीनियर अमित कुमार निषाद बताते हैं, कॉलेज में अक्सर कल्चरल प्रोग्राम एग्जाम के कुछ टाइम पहले फाइनल हो जाते थे. वर्किग कमिटी का मेंबर होने की वजह से इवेंट्स को ऑर्गनाइज कराने में बहुत टाइम देना पड़ता था, इसलिए अच्छी परफॉर्मेस के लिए लेट नाइट स्टडी करता था. कैम्पस सेलेक्शन में रिक्रूटर्स ने भी इस बात को नोटिस किया और इस बात को पूछा कि आपने इन सभी चीजों को कैसे मैनेज किया.
Planning Skills
प्लानिंग स्किल्स डेवलप करने के लिए जरूरी है कुछ नए इनीशिएटिव्स लेना. एचबीटीआई से बीटेक कर चुके अभिषेक सिंह बताते हैं, जब मैं प्लानिंग कमिटी में था तो मैंने अपने एनुअल फेस्ट में एक नेशनल एस्से कॉम्पिटिशन शुरू कराया जो सभी स्टूडेंट्स के लिए ओपेन था. ऐसे आइडियाज और उन पर वर्क करने का तरीका आपका नेचर ऑफ वर्क शो करता है. ऐसे में आपकी प्लानिंग और उनके रिजल्ट्स इन्टरव्यूअर पर पॉजिटिव असर डाल सकते हैं
How it works:
प्लानिंग में बहुत सी चीजें इन्वॉल्व होती हैं, जैसे रिसोर्सेज परखना, काम का तरीका तय करना, आने वाली प्रॉब्लम्स का एनालिसिस करना, वगैरह. इससे इंटरव्यूअर को आपके काम के तरीके का आइडिया हो जाता है. अपने रिक्रूटर्स को शो करें कि आप ऑर्गनाइजेशंस में भी कुछ नया कर सकते हैं.
Academic record
एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में बहुत एक्टिव हों और एकेडमिक रिकॉर्ड सेटिस्फैक्ट्री ना हो तो इम्प्रेशन अच्छा पड़ने की उम्मीद बिल्कुल ना करें. याद रखें, एकेडमिक्स आपका मेन फोकस एरिया है. इसलिए थ्रू आउट अपनी एकेडमिक परफॉर्मेस पर ध्यान दें.
How it works:
रिक्रूटर्स को ऐसे लोगों की तलाश होती है जिनका फोकस अपने टार्गेट पर भी हो और जो दूसरी चीजों में भी एक्टिव हों. एकेडमिक्स के बाद ही आपकी ये स्किल्स काउंट होती हैं. इसलिए एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टीविटीज के साथ स्टडी को इग्नोर करना ठीक नहीं.
खुद को प्लमेसमेंट के लिए तैयार करें
Reviewed by Brajmohan
on
10:47 AM
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