KANPUR (22 April): शॉर्ट टाइम में बहुत कुछ पाने की चाहत आज के यूथ को क्राइम की दुनिया की ओर ले जा रही है. वह लक्जरी लाइफ जीने के लिए कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं. यह नहीं सोचते हैं कि क्राइम की दुनिया में जो चला जाता है उसका दुखद अंत होता है. ऐसे ही कुछ स्टूडेंट्स के एक गैंग का खुलासा फ्राइडे को कल्याणपुर पुलिस ने किया. यह गैंग सिटी में घूम-घूमकर लोगों से मोबाइल और वाहन लूटने का काम करता था.
लिखी report, मिली कामयाबी
आपको यह तो मालूम ही होगा कि पुलिस मोबाइल लूट लिए जाने या चोरी हो जाने की रिपोर्ट दर्ज नहीं करती है. मगर, फॉर ए चेंज सीओ कल्याणपुर शैलेंद्र लाल के आदेश पर मोबाइल लूट का एक मामला दर्ज किया गया. इस केस की इनवेस्टिगेशन करते हुए पुलिस टीम स्टूडेंट्स के एक गैंग तक पहुंची, जो कि मोबाइल लूट कर बेचते थे. पुलिस ने इनके पास से दो दर्जन से ज्यादा मोबाइल और तीन बाइक बरामद की हैं.
Students करते थे operate
सीओ कल्याणपुर के मुताबिक इस गैंग को स्टूडेंट्स ऑपरेट कर रहे थे. इसमें एक के पिता बिल्हौर में लेखपाल हैं और दूसरे के इटावा में हेड कांस्टेबल की पोस्ट पर तैनात हैं. इस गैंग के मास्टरमाइंड गोलू और रंजीत हैं.
ये करते थे वारदात
गोलू पुत्र राजू सिंह जीपी मेमोरियल में क्लास 12 का स्टूडेंट है. वह शिवली रोड कल्याणपुर का निवासी है. राजू का भाई मनीष सिंह भी उसका साथ देता था. श्याम पुत्र कमलेश अवस्थी जीबी मेमोरियल स्कूल में क्लास 11 का स्टूडेंट है. वहीं सुरेंद्र कुमार बीएससी फर्स्ट इयर का स्टूडेंट है. सुरेंद्र के पिता गया प्रसाद इटावा में हेड कांस्टेबल हैं. गैंग का सदस्य प्रशांत उर्फ गोल्डी 11वीं पास आउट है. वहीं मोनू उर्फ आकाश बीकाम फर्स्ट इयर का स्टूडेंट है. रंजीत शर्मा स्टूडेंट 11वीं क्लास का स्टूडेंट है. हिमालय उर्फ विक्रांत गुप्ता पुत्र राकेश गुप्ता निवासी कल्याणपुर रेलवे स्टेशन के पीछे रहता है. आशू उर्फ आशुतोष बीकाम का स्टूडेंट है और कल्याणपुर में रहता था. अजय गुप्ता पुत्र राम सेवक निवासी पुराना शिवली रोड अशोक नगर खलवा का रहने वाला है. यह लूट का माल खरीदकर बेचता था.
कैसे आए गिरफ्त में
हुआ यूं कि 8 अप्रैल को डॉ. अंबेडकर इंस्टीट्यूट के बी.टेक स्टूडेंट सौरभ गुप्ता अपने सीनियर के यहां स्टडी के लिए जा रहा था. रामा डेंटल हॉस्पिटल के पास तीन बाइकों पर सवार लड़के आए और उसके हाथ से मोबाइल छीन ले गए. उसने सीओ की हेल्प से एफआईआर दर्ज करा दी. सौरभ के मुताबिक उसके मोबाइल पर ट्रैकर इंस्टॉल था, इस वजह से जैसे ही मोबाइल का सिम बदला गया, उसके पास एक नंबर आ गया जो उसने पुलिस को दे दिया. पुलिस ने उस नंबर की हेल्प से सबकुछ पता कर लिया.
कई जुर्म कबूले
सीओ के मुताबिक यह सभी स्टूडेंट्स लक्जरी लाइफ के शौकीन हैं और कम टाइम में अधिक पैसा कमाना चाहते हैं. इन स्टूडेंट्स ने पुलिस को बताया कि वह लोग पिछले एक साल से सिटी में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. इन लोगों ने लगभग 60 से 70 वारदातों को कबूल किया है.
गोल चौराहा main point
गैंग में शामिल सभी स्टूडेंट्स लक्जरी लाइफ के आदि हैं. ये सभी बाइक पर चलते थे. सभी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ घूमते थे और खूब खर्च करते थे. इसलिए इनको काफी पैसों की जरूरत पड़ती थी. जब घर वाले उनको इतने पैसे नहीं दे पाए तो उन्होंने क्राइम के दलदल में उतरकर पैसा कमाना शुरू कर दिया. इनका मेन ऑपरेशनल एरिया गोल चौराहे से पनकी की तरफ जाने वाली रोड है. पुलिस ने सिटी के थानों को इनसे पूछताछ करने की इंफॉर्मेशन दे दी है.
गैंग के सदस्य गोलू के पास से एक बाइक जिसका नंबर यूपी 78 बीके 4480, सुरेन्द्र के पास से बाइक जिसका नंबर यूपी 78 बीवी 3719, मनीष के पास से बाइक नंबर यूपी 78 बीडब्लू 8371 और आशू के पास से बाइक नंबर यूपी 78 बीक्यू 9518 बरामद हुई है.
Reviewed by Brajmohan
on
1:36 AM
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