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कुछ लोगों के बात करने का तरीका काफी इंप्रेसिव होता है. जानते हैं क्यों? क्योंकि वे सिर्फ जुबान के जरिए कम्यूनिकेट नहीं करते. उनकी बॉडी भी कम्यूनिकेशन में अहम भूमिका निभाती है. कम्यूनिकेशन के दौरान बॉडी लैंग्वेज काफी इफेक्टिव साबित हो सकती है. दरअसल हमारी बॉडी लैंग्वेज हमारे मनोभावों की चुगली कर देती है. यह तब और भी इंपॉर्टेट हो जाता है जब हम किसी ऑफिशियल मीटिंग या इंटरव्यू में बैठे हों. इस दौरान बोलना तो मायने रखता ही है. साथ ही उठने-बैठने के तौर-तरीके और फेस एक्सप्रेशन की भी उतनी ही वैल्यू होती है.
How to sit?
माना कि मीटिंग प्रोफेशनल डिस्कशन के लिए है लेकिन इस डिस्कशन के दौरान आपकी कही बातों के साथ ही आपके एक्सप्रेशंस और बिहेवियर भी बहुत कुछ कन्वे करते हैं. पैर क्रॉस करके बैठना, बैठे-बैठे ऊंघना, पेन हिलाना या कुर्सी बार-बार घुमाना आइडियल बॉडी लैंग्वेज के लिहाज से बैड सिम्पटम माने जाते हैं. मीटिंग के दौरान या इंटरव्यू के दौरान सीधा या आगे की तरफ थोड़ा झुककर बैठना दिखाता है कि आप सामने वाले की बात में इंट्रेस्टेड हैं. इससे सामने वाले पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है. वहीं पीछे की ओर झुककर बैठने से लगता है कि आपको किसी की परवाह नहीं है. यह निगेटिव इफेक्ट डालता है.
Smile please
आपके फेस पर मुस्कुराहट दिखाती है कि आप पॉजिटिव हैं. हमेशा सीरियस रहना भी निगेटिव साइन माना जाता है. ऑफिस में थोड़े हल्के-फुल्के मूड में रहने से आप लोगों से ईजिली घुलमिल सकते हैं. हां, इस बात का ख्याल रखें कि खुद ही जोक सुनाकर हंसने न लगें. यह आपकी नर्वसनेस शो करता है. यह भी जरूरी है कि मौके की नजाकत को देखते हुए आपके फेस का एक्सप्रेशन चेंज हो जाए. मसलन बॉस के साथ बात करते समय अगर आप बिना वजह मुस्कुराएंगे तो यह कहीं से भी अच्छा नहीं होगा. बॉस से बात करते समय सीरियस रहें तो बेहतर होगा.
Avoid these
अक्सर देखने में आता है कि बातें करते हुए लोग नाक और चेहरे को बार-बार छूते रहते हैं. इसी तरह कुछ लोग कान खुजाते रहेंगे या बालों में हाथ फेरते रहेंगे. यह आपके लूज कांफिडेंस को शो करता है. पैर हिलाना, पैर जमीन पर पटकना, अंगुलियों से टेबल को बजाना भी अच्छी आदत नहीं माना जाता है.
Body posture
ऑफिस में या किसी से बातें करते समय अपने शोल्डर्स को रिलैक्स रखें. याद रखिए कि आपके शोल्डर्स के मूवमेंट से आपकी एग्रेसिवनेस जाहिर होती है. मीटिंग में बैठे हुए हैं तो बिल्कुल स्टैच्यू होकर न बैठ जाएं. इससे पता चलता है कि आप सामने वाले की बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं या बोर हो रहे हैं. बेहतर होगा कि थोड़ी-थोड़ी देर में हल्के से सिर हिलाकर सहमति दें.
Mind it
आप कैसे चलते हैं यह भी काफी इंपॉर्टेट फैक्टर है. ऑफिस हो या फिर कोई कॉमन प्लेस, जल्दी-जल्दी चलना सही इंप्रेशन नहीं डालता. धीरे-धीरे चलना आपको ज्यादा कांफिडेंट भी दिखाता है और कूल भी. गर्दन झुकाकर चलना, चलते वक्त निगाहें नीची रखना भी खराब असर डालता है. यह आपकी इमेज में पॉजिटिव रंग भरता है. किसी से बातें करते समय उससे बहुत ज्यादा दूर या पास खड़ा होना भी ठीक नहीं होता. सही एटिट्यूड, पॉजिटिव थिंकिंग और गुड बिहेवियर भी आपकी बॉडी लैंग्वेज में अहम भूमिका निभाता है.
कुछ लोगों के बात करने का तरीका काफी इंप्रेसिव होता है. जानते हैं क्यों? क्योंकि वे सिर्फ जुबान के जरिए कम्यूनिकेट नहीं करते. उनकी बॉडी भी कम्यूनिकेशन में अहम भूमिका निभाती है. कम्यूनिकेशन के दौरान बॉडी लैंग्वेज काफी इफेक्टिव साबित हो सकती है. दरअसल हमारी बॉडी लैंग्वेज हमारे मनोभावों की चुगली कर देती है. यह तब और भी इंपॉर्टेट हो जाता है जब हम किसी ऑफिशियल मीटिंग या इंटरव्यू में बैठे हों. इस दौरान बोलना तो मायने रखता ही है. साथ ही उठने-बैठने के तौर-तरीके और फेस एक्सप्रेशन की भी उतनी ही वैल्यू होती है.
How to sit?
माना कि मीटिंग प्रोफेशनल डिस्कशन के लिए है लेकिन इस डिस्कशन के दौरान आपकी कही बातों के साथ ही आपके एक्सप्रेशंस और बिहेवियर भी बहुत कुछ कन्वे करते हैं. पैर क्रॉस करके बैठना, बैठे-बैठे ऊंघना, पेन हिलाना या कुर्सी बार-बार घुमाना आइडियल बॉडी लैंग्वेज के लिहाज से बैड सिम्पटम माने जाते हैं. मीटिंग के दौरान या इंटरव्यू के दौरान सीधा या आगे की तरफ थोड़ा झुककर बैठना दिखाता है कि आप सामने वाले की बात में इंट्रेस्टेड हैं. इससे सामने वाले पर पॉजिटिव इफेक्ट पड़ता है. वहीं पीछे की ओर झुककर बैठने से लगता है कि आपको किसी की परवाह नहीं है. यह निगेटिव इफेक्ट डालता है.
Smile please
आपके फेस पर मुस्कुराहट दिखाती है कि आप पॉजिटिव हैं. हमेशा सीरियस रहना भी निगेटिव साइन माना जाता है. ऑफिस में थोड़े हल्के-फुल्के मूड में रहने से आप लोगों से ईजिली घुलमिल सकते हैं. हां, इस बात का ख्याल रखें कि खुद ही जोक सुनाकर हंसने न लगें. यह आपकी नर्वसनेस शो करता है. यह भी जरूरी है कि मौके की नजाकत को देखते हुए आपके फेस का एक्सप्रेशन चेंज हो जाए. मसलन बॉस के साथ बात करते समय अगर आप बिना वजह मुस्कुराएंगे तो यह कहीं से भी अच्छा नहीं होगा. बॉस से बात करते समय सीरियस रहें तो बेहतर होगा.
Avoid these
अक्सर देखने में आता है कि बातें करते हुए लोग नाक और चेहरे को बार-बार छूते रहते हैं. इसी तरह कुछ लोग कान खुजाते रहेंगे या बालों में हाथ फेरते रहेंगे. यह आपके लूज कांफिडेंस को शो करता है. पैर हिलाना, पैर जमीन पर पटकना, अंगुलियों से टेबल को बजाना भी अच्छी आदत नहीं माना जाता है.
Body posture
ऑफिस में या किसी से बातें करते समय अपने शोल्डर्स को रिलैक्स रखें. याद रखिए कि आपके शोल्डर्स के मूवमेंट से आपकी एग्रेसिवनेस जाहिर होती है. मीटिंग में बैठे हुए हैं तो बिल्कुल स्टैच्यू होकर न बैठ जाएं. इससे पता चलता है कि आप सामने वाले की बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं या बोर हो रहे हैं. बेहतर होगा कि थोड़ी-थोड़ी देर में हल्के से सिर हिलाकर सहमति दें.
Mind it
आप कैसे चलते हैं यह भी काफी इंपॉर्टेट फैक्टर है. ऑफिस हो या फिर कोई कॉमन प्लेस, जल्दी-जल्दी चलना सही इंप्रेशन नहीं डालता. धीरे-धीरे चलना आपको ज्यादा कांफिडेंट भी दिखाता है और कूल भी. गर्दन झुकाकर चलना, चलते वक्त निगाहें नीची रखना भी खराब असर डालता है. यह आपकी इमेज में पॉजिटिव रंग भरता है. किसी से बातें करते समय उससे बहुत ज्यादा दूर या पास खड़ा होना भी ठीक नहीं होता. सही एटिट्यूड, पॉजिटिव थिंकिंग और गुड बिहेवियर भी आपकी बॉडी लैंग्वेज में अहम भूमिका निभाता है.
कुछ कहते हैं आपके एक्सप्रेशंस
Reviewed by Brajmohan
on
5:15 AM
Rating:
बात तो ठीक कह रही हैं।
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें। यह न केवल मेरी उम्र के लोगों को तंग करता है पर लोगों को टिप्पणी करने से भी हतोत्साहित करता है। आप चाहें तो इसकी जगह कमेंट मॉडरेशन का विकल्प ले लें।
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